प्रदेश का खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रदेश ने ९८२ गांवों के क्रीड़ाश्री को राजधानी में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसकी तैयारी खेल विभाग कने पूरी कर ली है। राजधानी में होने वाला यह शिविर स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में होगा। पहले चरण में २५० क्रीड़ाश्री शामिल किए हैं। इनको एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया जाएग।
केन्द्र सरकार की योजना पायका में देश के हर राज्य के सभी गांवों को खेलों से जोडऩे की पहल की गई है। इस योजना में हर राज्य से पहले चरण में १० प्रतिशत गांवों को खेलों से जोड़ा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पहले साल में इस योजना के लिए ९८२ गांवों का चयन किया गया है। पहले चरण में प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने राज्य के सभी जिलों के चिन्हित गांवों में क्रीड़ाश्री भी तय कर दिए हैं। अब इन क्रीड़ाश्री का काम क्या होगा, इनको गांवों में खेलों के विकास के लिए क्या करना है, इसके लिए इनको प्रशिक्षण देने की योजना खेल विभाग ने बनाई है। इस योजना के बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि हर गांवों में जो क्रीड़ाश्री बनाए गए हैं, वे ऐसे लोग हैं जिनका जुड़ाव खेलों से है। इनमें से ज्यादातर गांवों के खेल शिक्षकों के साथ खेल संघों से जुड़े लोग या फिर नए या पुराने खिलाडिय़ों को क्रीड़ाश्री बनाया गया है। ऐसे लोगों का चयन इसलिए किया गया है ताकि ये खेलों के विकास में अहम भूमिका निभा सके। इसी के साथ एक बात यह भी है कि क्रीड़ाश्री का मानदेय बहुत कम है ऐसे में खेलों से जुड़े लोग ही खेलों के विकास में गंभीरता से साथ दे सकते हैं।
श्री सिंह ने बताया कि राजधानी में २० मार्च से होने वाले क्रीड़ाश्री के प्रशिक्षण शिविर की जो योजना है कि उसे चार चरणों में किया जाएगा। एक चरण में २५० के आस-पास क्रीड़ाश्री रखे जाएंगे। ९८२ क्रीड़ाश्री को चार हिस्सों में बांटकर इसको केन्द्र सरकार द्वारा क्रीड़ाश्री के लिए तय किए कामों के बारे में एक-एक सप्ताह तक जानकारी दी जाएगी। पहले चरण के लिए तय किए २५० क्रीड़ाश्री कल से राजधानी में आने लगेंगे। इनके रहने और खाने की पूरी व्यवस्था स्पोट्र्स काम्पलेक्स के साथ बूढ़ेश्वर मंदिर परिसर में की गई है। तैयारियों के आज अंतिम रूप दे दिया गया है। प्रशिक्षण शिविर में योग के साथ कई तरह के खेलों को भी शामिल किया गया है ताकि क्रीड़ाश्री को ज्यादा से ज्यादा खेलों के बारे में जानकारी हो सके।
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बढ़िया है खबर!
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