प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज दिल्ली में छत्तीसगढ़ सदन में कहा कि 37वें राष्ट्रीय खेलों का आयोजन जब हमारे राज्य छत्तीसगढ़ में होगा तो मैं यह विश्वास दिलाता हूं कि यह आयोजन न सिर्फ ऐतिहासिक होगा बल्कि समय पर भी होगा।
मुख्यमंत्री ने ये बातें वहां पर भारतीय ओलंपिक संघ के साथ 37वें राष्ट्रीय खेलों के लिए किए गए होस्ट सिटी कांट्रेक्ट के अवसर पर कहीं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अब तक खेलों के जितने राष्ट्रीय आयोजन किए हैं सभी ऐतिहासिक रहे हैं। हम जहां राष्ट्रीय खेलों को ऐतिहासिक और यादगार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, वहीं यह भी वादा करते हैं कि हमारे राज्य का आयोजन समय पर होगा। यहां पर यह बताना लीजिमी होगा कि राष्ट्रीय खेलों के आयोजन का विलंब से होना आम बात है, अब तक 2007-08 के राष्ट्रीय खेल जो कि झारखंड में होने वाले हैं, नहीं हो सके हैं। लेकिन 2013-14 के 37वें राष्ट्रीय खेलों के आयोजन को समय पर करने की बात मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने कह दी है।
इस अवसर पर खेल मंत्री लता उसेंडी ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह के साथ छत्तीसगढ़ की खेल बिरादरी की मंशा के अनुरूप हमारे राज्य ने राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी ली है। इस मेजबानी को लेने के लिए हमारे विभाग ने काफी मेहनत की है और अभी से हमारी सरकार इस आयोजन को यादगार बनाने के लिए जुट गई है।
प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ। अनिल वर्मा ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब भी छत्तीसगढ़ में कोई आयोजन होता है तो वह वास्तव में ऐतिहासिक होता है। इसी के साथ छत्तीसगढ़ से खिलाड़ी सुखद यादें लेकर लौटते हैं। छत्तीसगढ़ की मिट्टी में ही ऐसी बात है कि इसकी धरा पर जो भी आता है, वह इसका दीवान होकर ही लौटता है। हमारा वादा है कि जब छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय खेलों का आयोजन होगा तो वह ऐसा होगा जैसे पहले कभी नहीं हुआ है। डॉ. वर्मा ने प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने खेलों के लिए दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का काम किया है। इस लेने के लिए भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल की भी मदद ली गई। उन्होंने कहा कि वैसे भी खेलों को राजनीति से दूर रखना चाहिए।
राष्ट्रीय खेलों से होता है विकास
भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी ने कहा कि ओलंपिक संघ देश के हर राज्य में खेलों का विकास के साथ मैदानों की कमी को दूर करना चाहता है। इसके लिए राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी से अच्छा और कोई रास्ता नहीं हो सकता है। हम चाहते हैं कि हर राज्य इन खेलों की मेजबानी ले और अपने राज्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर के मैदान बनवाने में सफल हो। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ भी नया राज्य है। छत्तीसगढ़ ने जिस तरह से राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने के लिए उत्सुकता दिखाई है और जैसा साहस किया है, वह तारीफे काबिल है। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि छत्तीसगढ़ ने अगर इन खेलों को समय पर करने की बात की है, तो जरूर वहां के खेल समय पर होंगे। श्री कलमाड़ी ने कहा कि आज दिल्ली में कामनवेल्थ खेलों के कारण इतने ज्यादा मैदान हो गए हैं अब यहां पर किसी भी तरह की कोई कमी नहीं रहेगी। उन्होंने बाद में पत्रकारों से चर्चा करते हुए झारखंड के राष्ट्रीय खेलों के बारे में कहा कि वहां के खेल इस साल जरूर हो जाएंगे।
कांट्रेक्ट में हस्ताक्षर से पहले छत्तीसगढ़ में मैदानों की क्या स्थिति है इसके बारे में जानकारी देने के लिए जहां एक डाक्यूमेंट्री प्रस्तुति दिखाई गई। इसी के साथ पावर पाइंट की भी प्रस्तुति दी गई। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि खेल मैदानों की जानकारी देने वाली जो डाक्यूमेंट्री खेल विभाग ने बनाई है, उसे ही दिखाया गया। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ को मेजबानी दिलाने में इस डाक्यूमेंट्री का अहम हाथ रहा है, इस डाक्यूमेंट्री में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह के साथ, खेल मंत्री लता उसेंडी, भारतीय ओलंपिक संघ के आजीवन अध्यक्ष विद्याचरण शुक्ल सहित खेलों से जुड़े कई लोगों के विचार मेजबानी लेने के लिए हैं। इसी के साथ इसमें छत्तीसगढ़ के खेल मैदानों की पूरी जानकारी है।
कार्यक्रम के अंत में होस्ट सिटी कांट्रेक्ट पर छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेल मंत्री लता उसेंडी, खेल सचिव हस्ताक्षर होंगे। इसी के साथ प्रदेश ओलंपिक संघ की तरफ अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा और महासचिव बशीर अहमद खान, भारतीय ओलंपिक संघ की तरफ से अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और महासचिव राजा रणधीर सिंह हस्ताक्षर हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष धरमलाल कौशिक, शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, गृहमंत्री ननकी राम कंवर, कृषि मंत्री चन्द्रशेखर साहू, नगरीय निकाय राजेश मूणत, स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल सहित सभी मंत्रियों के साथ छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के विजय पांडे, मो. अकरम खान और सलाम रिजवी, खेल संचालक जीपी सिंह, उपसंचालक ओपी शर्मा उपस्थित थे।
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