सोमवार, 28 जून 2010

नजरें फिर स्वर्ण पर

राष्ट्रीय सायकल पोलो की तीन स्पर्धाओं के लिए तैयारी में जुटी प्रदेश की टीमोंं की नजरें एक बार फिर से स्वर्ण पदकों पर है। पिछली बार दो स्वर्ण जीतने वाले छत्तीसगढ़ की टीमें इस बार स्वर्ण पदकों की हैट्रिक लगाने के प्रयास में हैं।
राष्ट्रीय सायकल पोलो फेडरेशन द्वारा ५ जुलाई से जोधपुर में एक साथ तीन राष्ट्रीय स्पर्धाओं सब जूनियर, सीनियर के साथ फेडरेशन कप का आयोजन किया गया है। इन तीनों स्पर्धाओं में खेलने जाने वाली प्रदेश की टीमें इन दिनों भिलाई में अभ्यास में जुटी हुई है। इन टीमों की खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने का काम अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षक पीवी कृष्णा के सथ वीआर चन्नावर कर रहे हैं। इनके प्रशिक्षण में ही पिछले साज जहां सब जूनियर टीम ने स्वर्ण जीता था, वहीं सीनियर टीम को रजत पदक मिला था। इसी के साथ फेडरेशन कप में प्रदेश की टीम ने स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन इस बार प्रदेश की टीमें सीनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने की तैयारी कर रही हैं। जिस तरह से छत्तीसगढ़ की टीमों ने काफी कम समय में राष्ट्रीय स्तर पर पदकों की बारिश की है उससे नहीं लगता है कि प्रदेश की टीमें इस बार स्वर्णिम हैट्रिक बनाने से वंचित हो सकती है। टीम को तैयार करने वाले प्रशिक्षकों का ऐसा मानना है कि टीमें इतनी अच्छी हैं कि छत्तीसगढ़ को तीनों वर्गों स्वर्ण जीतने से कोई नहीं रोक सकता है। एक समय राष्ट्रीय स्तर पर केरल का दबदबा था, लेकिन आज केरल की टीमें भी छत्तीसगढ़ की टीमों से खौफ खाती हैं।
इस समय सब जूनियर टीम में दीक्षा यदु, तृप्ति ठाकुर, निकिता, कुमार रमा, सुभद्रा, काजल कुर्रे और शिल्पा हैं। इसी तरह से सीनियर टीम में मृदुला साहू, स्मृित कनेरिया, एमएस करिश्मा, शुभांगी दुबे, ओशिन प्रतिति, सुदीप्ति केसरिया, ख्याति दुबे हैं। फेडरेशन कप की टीम में स्मृति कनेरिया कप्तान हैं। इसी के साथ टीम में एमएस करिश्मा, शुभांगी दुबे, ओशिन प्रतितिस प्रियंका, रेशमी, रीताजंली और सविता हैं। सीनियर और फेडरेशन कप टीम के कोच वीआर चन्नावर हैं।
श्री चन्नावर ने बताया कि तीनों टीमों का २१ दिनों का प्रशिक्षण शिविर १ जुलाई तक भिलाई में चलेगा। इस शिविर के बाद ही टीमें जोधपुर जाएंगी। वहीं पर ५ जुलाई से ८वीं सब जूनियर, १२वीं सीनियर राष्टीय स्पर्धा और चौथा फेडरेशन कप होगा। फेडरेशन कप का आगाज आज से तीन साल पहले भिलाईसे हुआ था जब यहां पर संघ के अध्यक्ष अशोक सिंह की पहल पर यह स्पर्धा हुई थी।

1 टिप्पणी:

राम त्यागी ने कहा…

अच्छी जानकारी दी :)

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