कामनवेल्थ की मशाल यानी बैटन अब छत्तीसगढ़ की घरा पर उड़ीसा के रास्ते न आकर सीधे विमान से यहां ८ अगस्त को आएगी और तीन दिनों तक यहां रहने के लिए बाद यहां से ११ अगस्त को हैदराबाद के लिए रवाना होगी।
दिल्ली में इस साल होने वाले कामनवेल्थ खेलों की बैटन भारत भ्रमण के दौरान छत्तीसगढ़ में पहले उड़ीसा के रास्ते ९ अगस्त को आने वाली थी। यहां पर एक दिन रहने के बाद इसको ११ अगस्त को जगदलपुर के रास्ते आन्ध्र प्रदेश जाना था। लेकिन अब बैटन का जहां मार्ग बदल दिया गया है, वहीं अब बैटन सड़क मार्ग से न आकर छत्तीसगढ़ में विमान से आएगी। इसके बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि पूर्व में बैटन को उड़ीसा से सरायपाली होते हुए आना था। लेकिन बाद में दिल्ली में हुई बैठक के बाद यह तय किया गया कि छत्तीसगढ़ में बैटन को उड़ीसा से विमान द्वारा भेजा जाएगा। अब यह बैटन भुवनेश्वर से ८ अगस्त को रायपुर पहुंचेगी। यहां पर ८ और ९ अगस्त को रहेगी। इन दो दिनों में बैटन को राजधानी का भ्रमण करवा जाएगा। बैटन लेकर दौडऩे वाले खिलाडिय़ों का चयन करने में भी खेल विभाग लगा है। बैटन लेकर दौडऩे वाले खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय होंगे। इसी के साथ कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित करने की योजना है।
भिलाई-राजनांदगांव भी जाएगी बैटन
पूर्व में जब बैटन को सड़क मार्ग से आना था तो ऐसे में भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव को इस बैटन से वंचित होना पड़ा था। लेकिन अब चूंकि बैटन को विमान से लाया जा रहा है तो ८ और ९ अगस्त को रायपुर में रहने के बाद इसे १० अगस्त को भिलाई, दुर्ग और राजनांदगांव भेजा जाएगा। राजनांदगांव से बैटन भिलाई आएगी और वहां पर रात्रि में कार्यक्रम होंगे। ११ अगस्त को बैटन भिलाई से सीधे माना विमानतल जाएगी जहां से उसे हैदराबाद के लिए रवाना किया जाएगा। बैटन रिले के संबंध में रायपुर में जिलाधीश द्वारा १९ मार्च को एक बैठक भी रखी गई है।
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