खेल वह कला है जिसमें खिलाड़ी को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने की ही नहीं बल्कि नशे की लत से भी मुक्ति दिलाने की क्षमता है। आज गांव-गांव में छोटे-छोटे बच्चे नशे के आदी होते जा रहे हैं। पायका योजना में बने क्रीड़ाश्री को अब चाहिए कि इन बच्चों को नशे की लत से मुक्ति दिलाने उनको खेलों से जोडऩे का काम करें। यह बात तय है कि जिसे एक बार खेल का नशा लग गया वह और कोई दूसरा नशा नहीं करेगा।
ये बातें यहां पर चल रही क्रीड़ाश्री की कार्यशाला में वालीबॉल के पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी और भारतीय टीम के मैनेजर रहे प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो. अकरम खान ने कहीं। उन्होंने कहा कि मुङो खेल से जुड़े आज करीब तीन दशक का समय हो गया है। मुङो यह देखकर हमेशा दुख होता है कि कि आज गांव-गांव में बच्चे तम्बाकू, बीड़ी, सिगरेट और गुडाखु का नशा करते हैं। यह सब इसलिए होता है क्योंकि गांवों में खेलों के लिए न तो मैदान है और न ही उनको खेलों से जोडऩे वाला कोई है। लेकिन आज आप लोगों को क्रीड़ाश्री बनाकर आपके गांव की जिम्मेदारी आपको दी गई है। अब आपके पास एक ऐसा मौका है जैसा मौका हर किसी को नहीं मिलता है। आप अपने गांव और समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं। आप लोग अपने गांव के उन बच्चों का जीवन बना सकते हैं जो नशे की लत में जकड़ हुए हैं। आप उनको बस एक बार मैदान में लेकर आए और खेल से जोड़े और फिर देेखें कि कैसे उनमें परिवर्तन आता है। श्री खान ने क्रीड़ाश्री से कहा कि वे अपने गांवों के ऐसे बच्चों को चिंहित करें जिनती लंबाई बहुत ज्यादा है ऐसे बच्चों को वालीबॉल के साथ जोड़ा जाएगा। श्री खान ने क्रीड़ाश्री द्वारा वालीबॉल के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब भी दिया। उन्होंने बताया कि खिलाड़ी से ज्यादा मेहनत तो उनको सिखाने वाले प्रशिक्षकों को करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि एक खिलाड़ी की अहमियत किसी भी राज्य के मुख्यमंत्री से कम नहीं होती है। आज आप लोग ही कितने राज्यों की मुख्यमंत्री के नाम जानते हैं, लेकिन अपने देश के सचिन तेंदुलकर से लेकर सानिया मिर्जा और साइना नेहवाल के नाम सब जानते हैं।
इसके पहले जहां खिलाडिय़ों को चोट लगने पर प्रारंभिक तौर पर क्या उपचार करने चाहिए इसके बारे में डॉ. उज्जव गोलाडे ने जानकारी दी, वहीं उपसंचालक ओपी शर्मा ने क्रीड़ाश्री के अधिकार और उनके कतव्र्यों के बारे में बताया। सुबह के सत्र में स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम में क्रीड़ाश्री को व्यायाम के बारे में निंगराज रेड्डी, सरिता कुजूर, वरूण पांडे, संजय पाल ने जानकारी दी। इसी के साथ मार्शल आर्ट के बारे में मुकेश गंभीर और अखिलेश आदित्य ने जानकारी दी।
आज राजतंत्र में देखें आस्था के नाम की मची है लूट
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nice
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