भारत सरकार की पंचायत एवं युवा क्रीड़ा अभियान योजना में रायपुर जिले में पायका के १२३ सेंटर खोले गए हैं। अब इन सेंटरों को चलाने वाले क्रीड़ाश्री को मार्गदर्शन देने के साथ इनको सेंटर के लिए सामान देने राजधानी में एक कार्यशाला का आयोजन १४ मार्च को किया गया है।
यह जानकारी देते हुए राजधानी के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि पायका योजना के पहले चरण में रायपुर जिले के १२३ गांवों को शामिल किया गया है। इन गांवों में खेल विभाग के निर्देश पर क्रीड़ाश्री भी बना दिए गए हैं। सभी क्रीड़ाश्री फरवरी से ही अपने-अपने गांवों में काम करने लगे हैं। गांवों में खेलों के विकास के लिए पायका सेंटर भी बनाया गया है। जिन गांवों को पहले चरण के लिए चुना गया है, वहां पर पायका सेंटर प्रारंभ कर दिया गया है। लेकिन इस सेंटर को संचालित करने के लिए क्रीड़ाश्री को स्टेशनरी देने का काम कल यहां पर किया जाएगा। सभी सेंटरों के लिए १४ सामान देने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि संभवत: रायपुर जिला अपने राज्य का ही नहीं बल्कि देश का ऐसा पहला जिला होगा जहां पर पायका को गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए एक अलग तरह की योजना पर काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हम सभी क्रीड़ाश्री को एक-एक पंजीयन रजिस्टर के साथ खिलाडिय़ों के पंजीयन के लिए २००-२०० फार्म दे रहे हैं। इसी के साथ सभी को वो सारा सामान दिया जा रहा है जिसकी जरूरत पडऩी है। सभी क्रीड़ाश्री को पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। इनको मानदेय भी दिया जाएगा।
खिलाडिय़ों का पंजीयन होगा
श्री डेकाटे ने बताया कि खेल विभाग की खिलाडिय़ों के आनलाइन पंजीयन की शुरुआत होने से पहले खिलाडिय़ों का पंजीयन करने का काम क्रीड़ाश्री को दिया गया है। हर गांव में स्पर्धाओं से पहले खिलाडिय़ों का पंजीयन होगा, पंजीयन में खिलाडिय़ों की पूरी जानकारी के साथ उनका फोटो भी लगेगा। पंजीकृत खिलाडिय़ों की जानकारी एक रजिस्टर में दर्ज की जाएगी ताकि स्थाई जानकारी रखी जा सके। गांवों के बाद खिलाड़ी जब ब्लाक स्तर पर खेलेंगे तो पंजीयन फार्म पहले ब्लाक फिर जिला और फिर राज्य स्तर तक आएगा। पंजीयन होने से कई तरह की गड़बडिय़ों पर अंकुश लग सकेगा। एक बार खिलाड़ी पंजीकृत होने के बाद अपनी जानकारी बदल नहीं पाएगा।
पुलिस अधीक्षक देंगे मार्गदर्शन
रायपुर जिले के १२३ क्रीड़ाश्री १४ मार्च को सुबह ११।३० बजे नेताजी स्टेडियम में जुटेंगे। इन सभी को रायपुर जिले के खेल प्रभारी होने के नाते पुलिस अधीक्षक अमित कुमार पायका के बारे में मार्गदर्शन देंगे कि क्रीड़ाश्री को किस तरह से काम करना है। यहां यह बताना लाजिमी होगा कि इधर खेल विभाग ने भी प्रदेश के सभी ९८२ क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने के लिए राजधानी में २० मार्च से प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया है। इस शिविर में एक-एक सप्ताह तक २५०-२५० क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
1 टिप्पणी:
छत्तीसगढ़ के खेल को देनी है एक नई राह
...... पायका सेंटर......
.....बहुत बढ़िया प्रयास है ..
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