मंगलवार, 7 सितंबर 2010

हर खेल को मिलेंगे प्रशिक्षक

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के बाद प्रदेश का खेल विभाग अब हर खेल के लिए प्रशिक्षक रखने की तैयारी में जुट गया है। इसके लिए जहां एक तरफ भर्ती नियम बनाने की कवायद चल रही है, वहीं दूसरी तरफ भारतीय खेल प्राधिकरण के साथ ऐसे राज्यों से नियम मंगवाने का काम हो रहा है जहां पर प्रशिक्षकों की संविदा भर्ती या अनुबंध के आधार पर भर्ती की गई है।
छत्तीसगढ़ की मेजबानी में ३७वें राष्ट्रीय खेल २०१३-१४ में होने हैं। इसी तैयारी में अभी से खेल विभाग जुट गया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को जब ओलंपिक संघ का अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने इस पद का विवधित पदभार ग्रहण किया तो उसी दिन उनके सामने यह बात आई कि अपने राज्य में प्रशिक्षकों का इतना ज्यादा टोटा है कि इनके दम पर राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है। ऐसे में मुख्यमंत्री ने तत्काल खेल विभाग को निर्देश दिए कि अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर के ऐसे प्रशिक्षकों की भर्ती की जाए जिनके दम पर छत्तीसगढ़ को अपनी मेजबानी में ज्यादा से ज्यादा पदक मिल सके। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मंशा है कि राज्य में होने वाले राष्ट्रीय खेलों में मेजबान छत्तीसगढ़ पदक तालिका में टॉप पर रहे। इसके लिए सबसे पहली जरूरत खिलाडिय़ों को खेल की सुविधाओं के साथ प्रशिक्षक दिलवाना है।
मुख्यमंत्री के सामने प्रशिक्षकों के टोटे की बात वालीबॉल संघ के सचिव मो. अकरम खान ने हरिभूमि का हवाला देते हुए ही रखी थी। हरिभूमि ने ही सबसे प्रदेश में प्रशिक्षकों की कमी का मामला उठाया था। मुख्यमंत्री ने इस बात को गंभीरता से लिया और प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने के निर्देश खेल विभाग को दिए हैं।
अच्छे प्रशिक्षक रखे जाएंगे
खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि राष्ट्रीय खेलों में मेजबान छत्तीसगढ़ पदक तालिका में टॉप में आ सके इसके लिए राष्ट्रीय के साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक रखने का काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए किस राज्य में क्या नियम है उनको मंगवाने के साथ भारतीय खेल प्राधिकरण से भी बात की जा रही है। उन्होंने बताया कि साई से पूछा गया है कि क्या उनके यहां पर संविदा में प्रशिक्षक रखने का काम किया जाता है और इसके लिए कोई नियम बनाए गए हैं तो उन नियमों की जानकारी भेजी जाए। बकौल श्री सिंह सभी स्थानों से नियम आने के बाद उनका अध्ययन किया जाएगा और देखा जाएगा कि यहां किस तरह के नियम बनाए जाने से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इसमें कोई दो मत नहीं है कि हमारे विभाग का ऐसा मानना है कि हर खेल के लिए अच्छे से अच्छे प्रशिक्षक रखें जाएंगे।
सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की हों
एक तरफ जहां खेल विभाग हर खेल के लिए अच्छे प्रशिक्षक रखने की कवायद में जुटा हुआ है, वहीं खेल संघों के पदाधिकारियों के साथ खिलाडियों का ऐसा मानना है कि खिलाडिय़ों को सुविधाएं भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की देनी होगी। महज प्रशिक्षकों की व्यवस्था करने से ही मेजबान पदक तालिका में टॉप में आ जाएगा, यह सोचना गलत है। इसके लिए पूरी योजना बनाने की जरुरत पड़ेगी। अभी से अगर तैयारी करनी है तो सुविधाएं भी अभी से जुटानी होगी। सुविधाओं के साथ मैदानों की कमी को भी दूर करना पड़ेगा। राज्य में मैदानों की कमी के कारण खिलाड़ी अभ्यास ही नहीं कर पाते हैं। अगर तैयारी में अभी से जुटे से अभ्यास नियमिच करना पड़ेगा और अभ्यास के लिए मैदान जरूरी है।

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