सोमवार, 13 सितंबर 2010

मैदान बनाने केन्द्र देगा मदद

केन्द्र सरकार ने एक बार फिर से राज्यों को खेल मैदान बनाने के लिए आर्थिक मदद देने का फैसला किया है। इसके लिए राज्यों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं। पांच साल से बंद पड़ी इस योजना को नए सिरे से प्रारंभ करने की योजना पर केन्द्रीय खेल मंत्रालय काम कर रहा है। पूर्व में राज्यों को मैदान बनाने के लिए केन्द्र सरकार से ७५ प्रतिशत राशि मिलती थी। नई योजना में यह राशि कितनी होगी इसका खुलासा तो अभी नहीं हुआ है लेकिन यह राशि पूर्व राशि से ज्यादा भी हो सकती है क्योंकि केन्द्र सरकार ने पायका योजना से देश के हर गांव को जोडऩे का काम शुरू किया है और इस योजना के लिए मैदान बहुत जरूरी है।
दिल्ली में केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने सभी राज्यों के खेलमंत्रियों, खेल सचिवों और खेल संचालकों की एक बैठक का आयोजन किया था। इसी बैठक में केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने यह घोषणा की है कि वह बहुत जल्द पांच साल से बंद मैदानों के लिए राज्यों को मदद करने वाली योजना को नए सिरे से प्रारंभ करने वाला है। बैठक में शामिल हुए छत्तीसगढ़ खेल एवं युवा कल्याण विभाग के संचालक जीपी सिंह ने दिल्ली में संपर्क करने पर जानकारी देते हुए बताया कि केन्द्र सरकार ने मैदानों के लिए राज्यों को मदद देने की बात की है और सभी राज्यों से प्रस्ताव देने कहा गया है। श्री सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार की इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़ को बहुत ज्यादा मिल सकता है। आने वाले समय में राज्य में ३७वें राष्ट्रीय खेल होने हैं। ऐसे में इनको भी इस योजना से मदद मिल सकती है। उन्होंने पूछने पर बताया कि अभी इस बात का खुलासा केन्द्रीय खेल मंत्रालय ने नहीं किया है कि मदद की राशि पूर्व की तरह ७५ प्रतिशत होगी या इससे ज्यादा या फिर कम होगी।
जशपुर में लग पाएगा एस्ट्रो टर्फ
केन्द्र सरकार की मैदानों को मदद करने वाली योजना के तहत ही छत्तीसगढ़ बनते ही यहां पर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री अजीत प्रमोद कुमार जोगी ने जशपुर में एक स्टेडियम और एस्ट्रो टर्फ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक वहां पर न तो स्टेडियम बन सका है और न ही वहां एस्ट्रो टर्फ लगा है। अब जबकि एक बार फिर से केन्द्र सरकार की मैदानों को मदद करने वाली योजना प्रारंभ हो रही है तो इससे जशपुर के एस्ट्रो टर्फ को फिर से नया जीवन मिलने की उम्मीद है। इस बारे में पूछने पर खेल संचालक जीपी सिंह कहते हैं कि जशपुर में एस्ट्रो टर्फ लगाने के लिए केन्द्र सरकार से मदद ली जाएगी। उन्होंने इसी के साथ कहा कि बिलासपुर में बन रहे खेल परिसर में भी केन्द्र की मदद के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसी के साथ जहां भी बड़ी योजना बनाई जाएगी उसके लिए केन्द्र से मदद का प्रस्ताव बनाकर भेजेंगे।
पायका में पर्यवेक्षक नियुक्त होंगे
खेल संचालक ने बताया कि बैठक में पायका योजना पर विस्तार से चर्चा हुई है। केन्द्र सरकार ने इस योजना के लिए हर राज्य में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाडिय़ों को पर्यवेक्षक बनाने का फैसला किया है। जिस राज्य में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी नहीं होंगे उसके विकल्प के रूप में किसी और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी को भी संभवत: रखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ में एक अर्जुन पुरस्कार प्राप्त खिलाड़ी भिलाई में मुक्केबाजी के राजेन्द्र प्रसाद हैं। वैसे छत्तीसगढ़ में इस समय पायका योजना पर सबसे ज्यादा काम हो रहा है।
४० प्लस भी क्रीड़ाश्री संभव
श्री सिंह ने बताया कि बैठक में सभी राज्यों से आए खेल संचालकों से सुझाव मांगे गए थे। छत्तीसगढ़ की तरफ से हमने एक सुझाव यह रखा कि पायका के लिए क्रीड़ाश्री की आयु सीमा ४० साल रखी गई है, उसे हटाया जाए। उन्होंने बताया कि इसके लिए हमने तर्क दिया कि कई गांवों में ऐसे अच्छे रिटायर खेल शिक्षक और खिलाड़ी हैं जिनकी सेवाएं लेने पर पायका को फायदा हो सकता है, लेकिन आयु बंधन के कारण ऐसा नहीं कर पाते हैं। श्री सिंह ने बताया कि उनके सुझाव पर जल्द अमल होने की उम्मीद है। ऐसा होने पर राज्य में ४० प्लस वाले भी क्रीड़ाश्री बन पाएंगे।
राज्य मैदान संरक्षण समिति बनेगी
श्री सिंह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने राज्यों के मैदानों को सुरक्षित रखने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय मैदान संरक्षण समिति बनाने का फैसला किया है। इस तरह से हर राज्य में भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त खिलाडिय़ों के साथ खेलों के जानकारों को लेकर समिति बनाई जाएगी। इसी तरह से हर राज्य में भी एक समिति बनेगी जो यह देखेगी कि राज्य के मैदानों को सुरक्षित रखने के लिए क्या किया जाना है। यह समिति राज्य सरकार को अपने सुङााव भी देगी। जरूरत पडऩे पर यह समिति अपनी बात केन्द्रीय खेल मंत्रालय तक पहुंचाने का भी काम करेगी। यहां यह बनाना लाजिमी होगा कि छत्तीसगढ़ में मैदानों को सुरक्षित रखने के प्रति राज्य सरकार भी बहुत गंभीर है और यहां पर तो मैदानों को सुरक्षित रखने के लिए एक विधेयक बनाने पर भी काम चल रहा है।
केन्द से मिले एक करोड़ ७१ लाख
पायका योजना के लिए इधर केन्द्र सरकार से खेल विभाग को आयोजनों और पुरस्कार के लिए १ करोड़ ७१ लाख की राशि मिली है। इस राशि से पहले चरण के लिए चुने गए १४६ विकासखंड़ों में पांच खेलों जिसमें एथलेटिक्स, वालीबॉल, कबड्डी, फुटबॉल और खो-खो शामिल हैं के आयोजन होंगे। विकासखंडों में एक खेल के लिए दस हजार के हिसाब के पांच खेलों के लिए ५० हजार की राशि स्वीकृत हुई है। कुल मिलाकर विकासखंडों के लिए ७३ लाख की राशि स्वीकृत हुई है। इसी तरह से जिला स्तर के आयोजन के लिए हर खेल के लिए २० हजार की राशि दी जाती है। जिला स्तर पर १० खेल एथलेटिक्स, कुश्ती, भारोत्तोलन, फुटबॉल, तीरंदाजी, वालीबॉल, कबड्डी, खो-खो, हैंडबॉल और हॉकी शामिल हैं। कुल १८ जिलों के लिए दो लाख एक जिले के हिसाब से ३६ लाख की राशि मिलनी है। राज्य स्तर पर भी दस खेल होंगे। एक खेल के लिए ८० हजार के हिसाब से १० खेलों के लिए आठ लाख की राशि होती है। आयोजन के लिए कुल एक करोड़ १७ लाख की राशि होती है इसमें से ७५ प्रतिशत की राशि यानी ८७ लाख ७५ हजार मिले हैं। आयोजन के साथ नकद पुरस्कार भी दिए जाने हैं। इसकी पूरी राशि ८३ लाख ९० हजार दे दी गई है। यह पूरी राशि २०१०-११ से आयोजन के लिए मिली है।

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