गुरुवार, 30 सितंबर 2010

छत्तीसगढ़ के जंपरों ने जीते १६ पदक

राष्ट्रीय जूनियर जंप रोप में छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने जलवा दिखाते हुए १६ पदक जीतने का काम किया। प्रदेश को एकमात्र स्वर्ण दिलाने का काम अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूजा हरगोत्रा ने किया। स्पर्धा में प्रदेश को एक स्वर्ण के साथ छह रजत और ९ कांस्य पदक जीते। पूजा के साथ एक और अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी श्वेता ने भी स्पर्धा में जोरदार प्रदर्शन किया और दो रजत के साथ एक कांस्य पदक जीता। पूजा के साथ बाकी खिलाडिय़ों ने स्पर्धा में जाने से पहले एक स्वर में कहा था कि उनका लक्ष्यम पिछले साल से ज्यादा पदक जीतने का है, और खिलाडियों ने अपना वादा निभाते हुए १६ पदक जीते। पिछले साल प्रदेश की टीम ने ११ पदक जीते थे।
कर्नाटक में खेली गई स्पर्धा के बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश संघ के अखिलेश दुबे ने बताया कि राज्य को पहला स्वर्ण पदक दिलाने काम अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी पूजा हरगोत्रा ने किया। उन्होंने फ्रीस्टाइल में स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद तीन मिनट इंडोरेंस में प्रभजोत कौर ने अंडर १८ में कांस्य पदक जीता। इसी वर्ग में शिखर क्षत्रीय ने भी कांस्य पदक जीता। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी श्वेता कुर्रे ने फ्रीस्टाइल में रजत पदक जीता। श्वेता ने यह कमाल अंडर १६ में दिखाया। श्वेता ने एक और रजत पदक ट्रिपल अंडर में जीता। इस में एक बार के जंप में ही तीन बार रस्सी को निकालने का कमाल दिखाना पड़ता। यहां पर श्वेता का अंतरराष्ट्रीय अनुभव काम आया। स्पीड रिले में अंडर १८ में सनप्रीत सिंह, अनुराग फिलीप, प्रवीण शर्मा, शिखर क्षत्रीय की चौकड़ी ने रजत पदक जीता। स्पीड रिले बालिका अंडर १८ में पूजा हरगोत्रा, मृदुल चन्द्राकर, सिद्रा फातिमा, प्रभजोत कौर ने कांस्य पदक दिलाया। डबल डच स्पीड रिले में प्रवीण शर्मा, श्वेता कुर्रे, प्रभजोत कौर की तिकड़ी ने कांस्य पदक जीता।
प्रदेश की टीम के अन्य खिलाडिय़ों में अभिजीत मोहदीकर, रक्षक वजरे, विन्द्रा मंधानी, ओमकारेश्वरी, सुभम तिवारी थे। टीम के कोच राजदीप सिंह और मैनेजर अखिलेश दुबे थे।
टीम के बुधवार को कर्नाटक से लौटने पर पदक विजेताओं को स्वागत किया गया। यहां पर खिलाडिय़ों ने एक स्वर में कहा कि हमने जो पिछले साल से ज्यादा पदक जीतने का वादा किया उसे निभाने में तो सफल रहे लेकिन हमारा लक्ष्य १६ पदकों से और ज्यादा पदक जीतने का था, पर इसमें कुछ कारणों से सफलता नहीं मिल सकी। लेकिन अगली बार जरूर हम ज्यादा पदक जीतने का प्रयास करेंगे। खिलाडिय़ों ने बताया कि वहां का फ्लोर उतना अच्छा नहीं था जिसके कारण प्रदर्शन करने में परेशानी हुई। इनका कहना है कि फ्लोर सही होता तो हम लोग और ज्यादा पदक जीतने में सफल होते।

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