रविवार, 26 सितंबर 2010

प्रीति मामले में फेडरेशन की दादागिरी

छत्तीसगढ़ की नेटबॉल खिलाड़ी प्रीति बंछोर को कामनवेल्थ की टीम ने बाहर करने को भारतीय नेटबॉल फेडरेशन के सचिव सही मान रहे हैं। इधर प्रदेश संघ के खिलाडिय़ों ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर उनसे इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है। राज्यपाल शेखर दत्त को भी मामले की जानकारी दिल्ली में दी गई है। दिल्ली में राज्यपाल से प्रीति बंछोर मिलकर अपनी बात रखने का प्रयास करेंगी।
कामनवेल्थ की टीम से प्रीति बंछोर को निकाल कर उनके स्थान पर डोप टेस्ट में दोषी पाई गई उप्र की खिलाड़ी मेघा चौधरी को रखे जाने का मामला गरमाने लगा है। इस मामले में एक तरफ शनिवार को भारतीय नेटबॉल फेडरेशन के सचिव भंवर लाल शर्मा ने कहा कि नेटबॉल टीम को प्रशिक्षण देने वाले तीनों प्रशिक्षकों ने जब खिलाडिय़ों की अंतिम सूची दी थी, तब उसमें यह साफ बताया गया था कि अगर मेघा चौधरी डोप टेस्ट के मामले में बरी होती हंै तो उनको वापस टीम में प्रीति बंछोर के स्थान रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि मेघा को जांच समिति ने बरी कर दिया जिसके कारण उनको वापस टीम में रखा गया है। इस मामले में किसी भी तरह के पक्षपात से उन्होंने इंकार किया है। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ नेटबॉल संघ के सचिव संजय शर्मा का कहना है कि मेघा चौधरी तो करीब डेढ़ माह से चोटग्रस्त हैं फिर उनको कैसे टीम में वापस रखा लिया गया। वह तो टीम के प्रशिक्षण शिविर में इतने लंबे समय से रही ही नहीं हैं।
इधर प्रदेश संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा ने इस सारे मामले की जानकारी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को देते हुए उनसे इस मामले में दखल देने का आग्रह किया है। इस सारे मामले की जानकारी राज्यपाल शेखर दत्त को भी दी गई है। उनसे भी इस मामले में भारतीय खेल प्राधिकरण से बात करने का आग्रह किया गया है। श्री दत्त इस समय दिल्ली में हैं। वहां पर उनके प्रीति बंछोर को संघ के पदाधिकारियों ने मिलने का प्रयास करने के लिए कहा है। इस मामले में जांच करने के लिए साई के डीजी को खेल विभाग ने शनिवार को पत्र भेजा है। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि यह पत्र नेटबॉल संघ द्वारा शिकायत किए जाने के आधार पर भेजा गया है।

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