शुक्रवार, 10 सितंबर 2010

तलाश कर तराशेंगे प्रतिभाएं

प्रदेश के खेल विभाग ने अब गांव-गांव में दस्तक देकर खेल की प्रतिभाओं को तलाश कर तराशने की योजना बनाई है। इस योजना में स्कूल स्तर के साथ विकासखंड और जिले के बाद राज्य स्तर पर प्रतिभाओं को परखने के बाद ही चुना जाएगा। चुनी गई सभी प्रतिभाओं को उनकी रूचि के मुताबिक खेलों में प्रशिक्षण दिलाने का काम सरकार करेगी। इस योजना के पहले चरण के अंत में कम से कम ५० खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा। यह योजना रायपुर जिले में नवंबर से प्रारंभ हो रही है। योजना में सबसे पहले स्कूली स्तर की प्रतिभाओं को तलाश की जाएगी।
प्रदेश सरकार की खेल नीति में ही ग्रामीण प्रतिभाओं को तरासने की बात है। ऐेसे में प्रतिभा खोज योजना के तहत प्रदेश के हर गांव में प्रतिभाएं तलाशने के लिए विस्तृत योजना बना ली गई है। इस योजना के अंत में राज्य स्तर पर चयन किया जाएगा। योजना चार चरणों में होगी। पहले चरण में स्कूल स्तर को रखा गया है, इसके बाद विकासखंड स्तर फिर जिला स्तर और अंत में राज्य स्तर है। इस योजना में १० से १४ साल के बच्चों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि बच्चा किसी खेल से जुड़ा हो, लेकिन उसकी खेलों में रूचि होनी चाहिए। जो खिलाड़ी सब जूनियर वर्ग में राष्ट्रीय स्तर पर खेले हैं उनको सीधे प्रवेश की पात्रता होगी।
स्कूल-विकासखंड में ऐसी होगी प्रक्रिया
खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि स्कूल स्तर पर प्रतिभाओं के चयन के लिए जिम्मा स्कूलों के प्रधान पाठक को दिया जाएगा। इसके लिए प्रतिभाओं की लंबाई के साथ उनकी तेजी देखने के लिए ५० मीटर की दौड़ करवाई जाएगी। इसमें १० से लेकर १४ वर्ष तक के बच्चों के लिए हर वर्ग में अलग-अलग चयन किया जाएगा। हर वर्ग में बालक और बालिकाओं में पहले तीन स्थानों पर आने वालों का चयन होगा। विकासखंड स्तर पर हर वर्ग में ५-५ बालक-बालिकाओं का चयन किया जाएगा। यहां भी बच्चों की लंबाई के साथ दौड़ में उनकी तेजी देखी जाएगी। विकासखंड स्तर पर चयन का जिम्मा विकासखंड अधिकारियों को दिया जाएगा।
जिला स्तर की प्रक्रिया होगी कड़ी
स्कूल स्तर और विकासखंड स्तर से आने वाले खिलाडिय़ों की प्रतिभाओं को परखने के लिए जिला स्तर पर आयोजन किया जाएगा। हर जिले में यह जिम्मा जिले के खेल अधिकारियों का होगा। यहां पर भी जहां बच्चों की लंबाई को देखा जाएगा, वहीं ५० मीटर की दौड़ के अतिरिक्त हॉकी टर्फबॉल थ्रो, वर्टीकल जंप की प्रतिस्पर्धा होगी। इन चारों के अंक जोड़कर ही जिनके अंक ज्यादा होंगे उनका चयन किया जाएगा। यहां पर हर वर्ग से ४-४ प्रतिभागियों का चयन किया जाएगा। ये प्रतिभागी ही राज्य स्तर की चयन स्पर्धा में शामिल हो सकेंगे।
राज्य स्तर की चयन प्रक्रिया होगी कठिन
हर जिले से हर वर्ग के जो बच्चे चुनकर आएंगे उनके लिए एक चयन स्पर्धा का आयोजन राजधानी रायपुर में किया जाएगा। दो दिनों की इस प्रतिस्पर्धा में पूरे राज्य से कम से कम ४०० प्रतिभागी शामिल होंगे। इन प्रतिभागियों में से हर वर्ग में ५-५ खिलाडिय़ों का चयन किया जाएगा, यानी कम से कम ५० प्रतियोगियों का अंतिम चयन होगा। यहां पर चयन प्रक्रिया कुछ ज्यादा कठिन होगी। चयन के पहले दिन सबसे पहले लंबार्ई के बाद प्रतियोगियों का सीना देखा जाएगा कि उनका सीना फूलाने पर कितना होता है। इसके बाद लंबी कूद में प्रतियागियों को परखा जाएगा। यहां पर बास्केटबॉल को बैठकर थ्रो करने की प्रतियोगिता होगी। इसके अलावा ८०० मीटर की दौड़ होगी। यह दौड़ साधारण जूतों के साथ या फिर नंगे पैर होगी। दूसरे दिन खड़े होकर कूदने की प्रतियोगिता के साथ हॉकी बॉल थ्रो, ३० मीटर की तेज दौड़ के साथ ही १० मीटर जाना और १० मीटर वापस आने की दौड़ होगी। इन सब मुकाबलों में जिनके ज्याादा होंगे वही पहले पांच स्थानों पर आने वाले प्रतियोगी चुने जाएंगे। यहां पर प्रतियोगियों के चयन के लिए एक चयन समिति बनाई जाएगी। किसी भी स्तर पर शामिल होने वाले प्रतियोगियों के परिजनों से यह लिखवाया जाएगा कि उनका चयन होने पर उनको वे छात्रावास में रहने की अनुमति दे रहे हैं। जिला स्तर का चयन दिसंबर माह में करवाने की योजना है। प्रतियोगियों के चयन के बाद उनकी खेलों में रूचि के हिसाब से उनको प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था खेल विभाग करेगा। इस योजना में हर साल प्रतिभाओं की खोज की जाएगा।
रायपुर जिले में तैयारी प्रारंभ
रायपुर जिले में प्रतिभा खोज की तैयारी सभी १५ विकासखंडों में प्रारंभ कर दी गई है। जिले के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने बताया कि यहां पर पायका योजना के लिए जुटे सभी विकासखंडों के क्रीड़ाश्री और नोडल अधिकारियों को पूरी जानकारी दे दी गई है कैसे प्रतिभा खोज का आयोजन करना है। स्कूल स्तर पर १० नवंबर तत प्रक्रिया पूरी करनी है। इसके बाद विकासखंड स्तर पर ५ दिसंबर तक खोज पूरी करनी है। जिला स्तर का आयोजन दिसंबर में होगा। राज्य स्तर का आयोजन खेल संचालनालय सभी जिलों के आयोजन के बाद करेगा।

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