रविवार, 5 सितंबर 2010

डोपिंग के दोषी पर होगी चर्चा

डोपिंग के दोषी प्रदेश के खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा को लेकर प्रदेश वेटलिफ्टिंग संघ की कार्यकारिणी की बैठक रखी गई है। इस बैठक में खेल विभाग के नोटिस का जवाब देने पर ही मुख्य चर्चा होगी।
प्रदेश वेटलिफ्टिंग संघ ने डोपिंग के दोषी खिलाड़ी सिद्धार्थ मिश्रा का नाम शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए भेज दिया था। इस खिलाड़ी का पुरस्कार के लिए चयन भी कर लिया गया था, पर मीडिया की सजगता से यह बात सामने आई कि जिस खिलाड़ी का पुरस्कार के लिए चयन किया गया है वह तो डोपिंग का दोषी है। ऐसे में खेल विभाग ने पुरस्कार समिति की विशेष बैठक बुलाकार इस खिलाड़ी के पुरस्कार को रद्द कर दिया था। खिलाड़ी का पुरस्कार रद्द करने के साथ खेल विभाग ने प्रदेश संघ को २१ दिनों के अंदर कारण बताओ नोटिस जारी किया था कि आखिर क्यों कर संघ ने डोपिंग के दोषी खिलाड़ी का नाम पुरस्कारों के लिए भेजा था। संघ ने अगर इस मामले में संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो खेल विभाग संघ की मान्यता भी रद्द कर सकता है। संघ के सचिव सुखलाल जंघेल ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक रविवार को दोपहर तीन बजे वन विभाग पंडरी के खेल परिसर में रखी गई है। बैठक में इस बात पर ही चर्चा की जाएगी कि कैसे डोपिंग के दोषी खिलाड़ी का आवेदन पदाधिकारियों ने हस्ताक्षर करके भेजा था। पूछने पर उन्होंने बताया कि खिलाड़ी के आवेदन पर उन्होंने हस्ताक्षर ही नहीं किए थे, जबकि आवेदन पर सचिव के हस्ताक्षर होने चाहिए। उन्होंने एक सवाल के जवाब में बताया कि सचिव होने के बाद उनके नाम फेडरेशन से कोई पत्र नहीं आया। जो पत्र फेडरेशन से भेजा गया, वह भिलाई के एक पदाधिकारी के पते पर गया था। इस मामले की भी जांच की जाएगी कि आखिर सचिव के नाम का पत्र भिलाई में किसी और पदाधिकारी के पते पर कैसे चला गया। अगर पत्र चला भी गया तो सचिव को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी गई कि सिद्धार्थ मिश्रा डोपिंग का दोषी पाया गया है। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई जानकारी न होने के कारण ही वे मीडिया को कोई जानकारी नहीं दे पाए थे।
हटाए जा सकते हैं कुछ पदाधिकारी
बैठक में उन पदाधिकारियो को हटाए जाने पर बहस होने के पूरे आसार हैं जिन्होंने सिद्धार्थ मिश्रा के आवेदन पर हस्ताक्षर किए थे। इसी के साथ उन पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई करने का मन बनाया गया है जो बैठक में नहीं आएंगे। जानकारों का तो यहां तक कहना है कि एक तरह से संघ की सर्जरी की जाएगी और ऐसे पदाधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा जिनके कारण संघ पदनाम हुआ है। इधर राष्ट्रीय फेडरेशन से पर्यवेक्षक के आने की चर्चा के बीच सचिव सुखलाल जंधेल का कहना है कि यह प्रदेश संघ का मामला है और अपने संघ से पदाधिकारियों को हटाने के लिए किसी पर्यवेक्षक की जरूरत नहीं है।
एक समिति बनाकर इसका फैसला किया जा सकता है।

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