गुरुवार, 12 अगस्त 2010

हमारे हाथ, बैटन के साथ


नेताजी स्टेडियम के हाल में जैसे-जैसे बैटन थामने वाले हाथों में बैटन की ड्रेस आते जा रही थी, उनके चेहरों पर रौनक देखने लायक थी। हर खिलाड़ी को इस बात पर गर्व हो रहा था कि उनके हाथ ही बैटन के साथ होंगे। बैटन लेकर दौडऩे वाले ८० धावकों में से दो नहीं आ पा रहे हैं जिसके कारण उनके स्थान पर दूसरे धावकों को मौका दिया गया है।
बैटन रिले के मुख्यालय नेताजी स्टेडियम में बुधवार को बैटन धावकों को दिल्ली ने आई किट देने के लिए बुलाया गया था। किट वितरण से पहले वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने सभी धावकों को बताया कि उनको अपने निर्धारित पाइंट पर एक बजे तक पहुंच जाना है। इसके बाद सभी धावकों को किट बांटी गई। किट लेकर सभी के चेहर खिल गए। किट देने के बाद सभी धावकों को टी-शर्ट पहनने कहा गया। टी-शर्ट पहनने के बाद धावकों ने एक ग्रुप फोटो खींचवाई।
दो धावक नहीं आ पा रहे
रिले के लिए तय किए गए ८० धावकों में से दो धावकों अंतरराष्ट्रीय भारोत्तोलक रुस्तम सारंग के साथ वालीबॉल के कोच अदपा शंभशिव राव नहीं आ पा रहे हैं। रुस्तम इस समय कामनवेल्थ के प्रशिक्षण शिविर में हैं। उनका चयन भारतीय टीम में होने की वजह से उनको भेजने से उनके कोच ने इंकार कर दिया। इन दो धावकों के स्थान पर बैडमिंटन खिलाड़ी कविता दीक्षित और लॉन टेनिस के अभिजीत तिवारी को रखा गया है।
नेटबॉल खिलाडिय़ों का जलवा
रिले में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि इस रिले में सबसे ज्यादा २५ खिलाड़ी नेटबॉल के दौड़ रहे हैं। इस खेल के इतने खिलाडिय़ों को इसलिए मौका मिल गया है क्योंकि जूनियर टीम में शहीद कौशल यादव और सीनियर टीम में राजीव पांडे पुरस्कार पाने खिलाड़ी शामिल हैं। इन खिलाडिय़ों में चार अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नेहा बजाज, प्रीतिं बंछोर, भावना खंडारे और कंचन सहस्त्रबुद्धे शामिल हैं। इसी के साथ इस खेल के एक कोच सुधीर वर्मा भी शामिल हैं। एक तरफ जहां नेटबॉल के खिलाडिय़ों में इस बात को लेकर उत्साह है कि उनको मौका मिला है, वहीं दूसरी तरफ दूसरे खेलों के खिलाडिय़ों में इस बात को लेकर बहुत ज्यादा नाराजगी है कि एक ही खेल के इतने खिलाडिय़ों को मौका दिया गया है।
बाप-बेटे के साथ गुरू भी
रिले में भारोत्तोलन के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अजयदीप सारंग के साथ उनके पिता विक्रम पुरस्कार प्राप्त बुधराम सारंग तो दौड़ ही रहे हैं, इसी के साथ इनके गुरू गजेन्द्र पांडे भी दौड़ रहे हैं। वैसे एक और खिलाड़ी रुस्तम सारंग नहीं आ पा रहे हैं, अन्यथा दो भाई- पिता और गुरु एक साथ होते। इन तीनों खिलाडिय़ों के लिए यह भी सौभाग्य की बात है कि अजय के हाथ से बैटन पिता बुधराम के हाथों में जाएगी और उनके हाथ से गुरू गजेन्द्र पांडे के हाथों जाएगी।
मुख्यमंत्री करेंगे रिले का आरंभ
शहीद भगत सिंह चौक में गुरुवार को दो बजे बैटन का प्रारंभ मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के हाथों होगा। इसके बाद बैटन विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक के हाथों में जाएगी। इसके बाद सभी मंत्री और विधायकों के हाथों के बाद बैटन खेल संघों क पदाधिकारियों के हाथों से होते हुए पहले धावक विसेंट लकड़ा के हाथों में पहुंचेगी और प्रारंभ हो जाएगी रिले। समापन सप्रे स्कूल में होगा जहां बैटन राज्यपाल शेखर दत्त को सौंपी जाएगी।

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