मंगलवार, 24 अगस्त 2010

मदद दो, पदक लो

पश्चिम भारतश्री के साथ भारतश्री का खिताब लगातार दूसरी बार जीतकर इतिहास रचने वाले छत्तीसगढ़ के पी. सालोमन का कहना है कि अगर सरकारी मदद मिले तो वे जरूर विश्व कप में भी पदक जीत सकते हैं। इधर छत्तीसगढ़ में हुई राष्ट्रीय चैंपियनशिप की पूरे देश भर के खिलाड़ी सराहना करते हुए आज लौट गए।
राजधानी रायपुर में आयोजित राष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग में कमाल का प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ के सपूत पी. सालोमन ने जहां पहले दिन पश्चिम भारतश्री का खिताब अपने नाम किया, वहीं दूसरे दिन उन्होंने भिंवाड़ी का इतिहास दोहराते हुए भारतश्री का खिताब भी जीत लिया। यह उम्मीद तो पहले ही थी कि दोनों खिताब पी. सालोमन के हाथ ही लगेंगे। खिताब जीतने वाले इस खिलाड़ी की नजरें अब नवंबर में जर्मनी में होने वाले विश्व कप पर लगी हैं। लेकिन इसके लिए यह जरूरी है कि उनको इतनी मदद मिल सके कि वे अपनी डाइट पूरी कर सके। सालोमन कहते हैं कि एक मध्यमवर्गीय खिलाड़ी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा के लिए डाइट का इंतजाम कर पाना संभव ही नहीं है। वे कहते हैं कि विश्व कप से पहले कम से कम चार माह तक करीब एक हजार रुपए के डाइट की जरूरत हर खिलाड़ी को पड़ती है। अगर मुङो प्रदेश सरकार की तरफ से इतनी टाइट के लिए आर्थिक मदद की जाए तो मेरा सोचना है कि मुङो पदक लाने में आसानी होगी। इसी के साथ मुङो कम से कम अपने ही देश में प्रशिक्षण के लिए बाहर भी जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मदद से मुङो विदेश में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है तो फिर मेरा पदक पक्का हो जता है। उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ और अपने देश के लिए के लिए पदक जीतने की इच्छा रखते हैं। ऐसे में उन्होंने एक प्रस्ताव सरकार को मदद के लिए देने का मन बनाया है। वे यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ खेलमंत्री लता उसेंडी को देंगे।
कर्नाटक के खिलाड़ी छाए
इधर स्पर्धा में इस बार कर्नाटक के खिलाडिय़ों का दबदबा रहा। ऐसा पहली बार हुआ कि महाराष्ट्र को एक भी खिताब नहीं मिल सका। ६ खिताबों में से दो छत्तीसगढ़ और बाकी चार कर्नाटक के हाथ लगे। भारत उदय जी. बालाकृष्णन, भारत केसरी रेमंड डिसूजा, भारत किशोर के. मनोज और भारत कुमार एल्विन पाल बने। प्रदेश संघ के संजय शर्मा ने बताया कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी राष्ट्रीय स्पर्धा में महाराष्ट्र की इस तरह से पता साफ हो गया है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के कई स्टार खिलाडिय़ों के न आने के कारण ऐसा हुआ है।
छत्तीसगढ़ का दबदबा
कर्नाटक के बाद चैंपियनशिप में मेजबान छत्तीसगढ़ का दबदबा रहा। जहां पश्चिम भारतश्री के साथ भारतश्री का खिताब छत्तीसगढ़ के हाथ लगा, वहां मेजबान को १० पदक भी मिले। पहले दिन सुपर टॉल ग्रुप में पी. सालोमन के साथ शार्ट ग्रुप में छत्तीसगढ़ के सुमित राय चौधरी ने स्वर्ण जीता। मेजबान को दो रजत पदक सचिन मिश्रा और राजकिशोर ङाा ने दिलाए। भारत उदय में छत्तीसगढ़ के दिनेश ठाकुर चौथे स्थान पर रहे और पदक से चूक गए। भारतश्री में मेजबान छत्तीसगढ़ के हाथ एक स्वर्ण सहित पांच पदक लगे। शार्ट ग्रुप में सुमित राय चौधरी को रजत, मीडियम ग्रुप में राजकिशोर ङाा को रजत, टाल ग्रुप में टोना जॉब को कांस्य और सुपर टॉल ग्रुप में पी. सालोमन को स्वर्ण पदक मिला। इसी वर्ग में रजत पदक सचिन मिश्रा को मिला। भारत केसरी के सुपर टॉल ग्रुप में ब्रिज बिहारी मिश्रा को कांस्य पदक मिला।
मेजबानी को सबने सराहा
छत्तीसगढ़ की मेजबानी पर पूर्व मिस्टर वल्र्ड रेमंड डिसूजा के साथ सभी अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय खिलाड़ी फिदा होकर लौटे। सभी का एक स्वर में कहना था कि जैसी व्यवस्था छत्तीसगढ़ में होती है वैसी और कहीं नहीं होती है। यहां पर रहने खाने से लेकर आयोजन की व्यवस्था सराहनीय है। इनका कहना है कि वास्तव में छत्तीसगढ़ मेजबान नंवर वन है। खिलाड़ी कहते हैं अब छत्तीसगढ़ में एक बड़ा अंतररराष्ट्रीय स्तर का आयोजन होना चाहिए।

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

जानकारी मिली.

संगीता पुरी ने कहा…

बढिया जानकारी .. रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!

ASHOK BAJAJ ने कहा…

रक्षाबन्धन के पावन पर्व की हार्दिक बधाई एवम् शुभकामनाएँ

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