शनिवार, 28 अगस्त 2010

प्रदेश भारोत्तोलन संघ की मान्यता रद्द हो

डोपिंग के दोषी सिद्धार्थ मिश्रा की सच्चाई छुपाने के आरोप से घिरे प्रदेश भारोत्तोलन संघ की खेल विभाग से मान्यता ही समाप्त करने की मांग पूर्व अध्यक्ष गुरमीत घनई ने की है। उन्होंने संघ पर कई आरोप लगाए हैं।
यहां पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्रीमती घनई ने कहा कि संघ ने डोपिंग जैसा मामला शासन से छुपाकर एक गलत खिलाड़ी को पुरस्कार दिलाने का काम किया है। इसी के साथ संघ ने महिला खिलाड़ी के साथ खिलवाड़ करने का काम किया है। उन्होंने संघ के पदाधिकारियों पर आरोप लगाया कि संघ में हमेशा से महिला खिलाडिय़ों के साथ न सिर्फ पक्षपात होता है, बल्कि महिला खिलाडिय़ों का शोषण भी किया जाता है। उन्होंने आज से करीब पांच साल पुराने एक मामले का उल्लेख करते हुए बताया कि मणिपुर में होने वाली राष्ट्रीय स्पर्धा में टीम के साथ खेलने के लिए दल्लीराजहरा की भी एक महिला खिलाड़ी निकली थी, लेकिन यह खिलाड़ी मणिपुर पहुंची ही नहीं। इस बारे में टीम के कोच और मैनेजर जब कोई जवाब नहीं दे पाए तो पुलिस में खिलाड़ी के गुम होने की सूचना दी गई। इसके बाद यह खिलाड़ी रायपुर के एक होटल में अजय डेकाटे और दो अन्य लोगों के साथ पकड़ी गई। सोचने वाली बात है कि जो खिलाड़ी राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने गई थी वह रायपुर में कैसे रूक गई।
श्रीमती घनई से कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर यह मांग रखी है कि हर खेल संघ में एक महिला प्रतिनिधि का होना अनिवार्य है। इसी के साथ किसी भी टीम के साथ एक महिला मैनेजर का भी भेजना अनिवार्य होना चाहिए। उन्होंने राज्य संघ पर यह भी आरोप लगाया कि पिछले साल दल्लीराजहारा में करवाई गई राष्ट्रीय स्पर्धा में बहुत ज्यादा गड़बड़ी की है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के केन्द्रीय खेल विभाग से इस स्पर्धा के लिए १० लाख रुपए का अनुदान मांगा गया है जबकि स्पर्धा का ज्यादातर खर्च भिलाई स्टील प्लांट ने उठाया था। उन्होंने कहा कि अब तो संघ ने डोपिंग के दोषी का साथ देकर गजब ही कर दिया है। अब तो संघ की मान्यता समाप्त करने में खेल विभाग को देर नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेल संघों की मननर्मी के कारण प्रदेश के खिलाडिय़ों का पलायन हो रहा है। खिलाडिय़ों का पलायन रोकना होगा।

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