रविवार, 8 अगस्त 2010

क्वीज से पहुंची बैटन की महक गांवों में

बैटन रिले के बारे में गांव-गांव के विद्यार्थी क्वीज के माध्यम से जान गए हैं। यहां पर पूरे राज्य के सभी जिलों के विजेता आएं हैं। हमारा जो मसकद पूरे राज्य को बैटन रिले से जोडऩा था, उसमें हम सफल हो गए हैं।
ये बातें यहां पर राज्य क्वीज का उद्घाटन करते हुए खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहीं। उन्होंने कहा कि जब बैटन के छत्तीसगढ़ आने की बात हुई थी तो हमने उसी समय सोचा था कि कुछ ऐसा किया जाए जिससे बैटन रिले और कामनवेल्थ के बारे में सबको जानकारी हो सके। ऐसे में एक एक सुझाव सामने आया कि क्वीज का आयोजन करके सभी जिलों को बैटन से जोड़ा जा सकता है। इसके बाद हमारे विभाग ने इसकी रूपरेखा बनाई और सभी जिलों में क्वीज का आयोजन स्कूली स्तर पर किया गया। आज सभी जिलों के पहले तीन स्थानों पर रहने वाले दल यहां आए हैं। खेलमंत्री ने कहा कि क्वीज में हमने खेलों के साथ कामनवेल्थ और बैटन रिले के बारे में विशेष सवाल रखे। इसी के साथ बैटन के बारे में जानकारी भी दी गई। राज्य स्पर्धा में हमने जश्न २०१० के तहत ऐ मेरे वतन के लोगों जरा याद करो कुर्बानी की नारा देते हुए आयोजन किया है।
सुश्री उसेंडी ने कहा कि हमारी सरकार खेलों में जागरूकता लाने के सारे प्रयास कर रही है। हमने २०१३ के राष्ट्रीय खेलों की अभी से तैयारी प्रारंभ कर दी है। उन्होंने सभी जिलों से आए प्रतिभागियों से कहा कि वे बैटन रिले में जरूर शामिल हों।
इसके पहले खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि बैटन ने पूरे राज्य को जोडऩे के लिए खेलमंत्री की पहल पर ही क्वीज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का आयोजन जहां रश्मि सुब्बा की देखरेख में किया गया, वहीं कार्यक्रम का संचालन ओपी शर्मा ने किया।
बैटन दल में १२ सदस्य
छत्तीसगढ़ आने वाले बैटन दल में १२ सदस्य हैं। इन सदस्यों की संख्या बढ़ सकती है, लेकिन फिलहाल इतने सदस्यों के आने की जानकारी मिली है। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस दल में रिले के निदेशक कोलकेएस बन्शतु, कमल चौधरी, अलका लाम्बा, शिवनाथ भट्टनागर, अखिलेन्द्र पीएस, अंकित रामपाल, नितिन सिंधव, नीरज सूद, शिव राज , निवेश कुमार और सिद्धार्थ बोस शामिल हैँ।

2 टिप्‍पणियां:

पट्ठा प्रिंस ने कहा…

क्वीज नहीं क्विज,
आएं नहीं आए,
कामनवेल्थ नहीं कॉमनवेल्थ।

ab inconvenienti ने कहा…

गुलामी के प्रतीक इस कॉमनवेल्थ को हम आज भी कन्धों पर ढो कर इतरा रहे हैं. हिन्दुस्तानियों ने शर्म नाम की किसी चीज़ का नाम भी सुना है?

खैर हमें तो उस बैटन से बिना डकार लिए निगली गई दौलत की बदहजमी की बदबू आती है. फिर भले आपको वह महक लगती हो.

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में