रविवार, 21 जून 2009

राजनांदगांव में साई की शाखा खोलने का प्रस्ताव

प्रदेश के खेल संचालक मिलेंगे साई के निदेशक से
भारतीय खेल प्राधिकरण यानी साई की मदद से प्रदेश में खेलों को निखारने के प्रयास में लगे खेल विभाग ने अब साई से राजनांदगांव में भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शाखा खोलने का प्रस्ताव रखने का फैसला किया है। इस शाखा के यहां खुल जाने से साई के किसी काम के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। इस प्रस्ताव को लेकर खेल संचालक जीपी सिंह २२ जून को भोपाल में साई के निदेशक सयान चटर्जी से चर्चा करेंगे। उनके सामने बस्तर में भी एक बड़े सेंटर के साथ कुछ और जिलों में सेंटर खोलने की मांग रखी जाएगी। फिलहाल राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से बनने वाले सेंटर को मंजूरी मिल चुकी है।

भारतीय खेल प्राधिकरण राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से एक बड़ा खेल परिसर बनाने जा रहा है। इस खेल परिसर को मंजूरी मिलने के बाद अब खेल विभाग ने सोचा है कि अगर राजनांदगांव में ही साई के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शाखा खुल जाए तो अच्छा होगा। ऐसे में अब खेल संचालक एक प्रस्ताव लेकर भोपाल जा रहे हैं जहां वे साई के निदेशक सयान चटर्जी से चर्चा करेंगे। उनकी यह मुलाकात २२ जून को होगी। इस बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि वे इस शाखा के साथ कुछ और प्रस्ताव लेकर जा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां पर अगर साई की शाखा खुल जाएगी तो हर काम के लिए भोपाल जाने की जरूरत समाप्त हो जाएगी।

बस्तर में एक बड़ा सेंटर बनाने की योजना

श्री सिंह ने बताया कि जिस तरह से राजनांदगांव में ४० करोड़ की लागत से एक बड़ा सेंटर बनेगा, उसी तरह से बस्तर में भी एक बड़ा सेंटर खोलने की योजना है। इस योजना की प्रारंभिक तैयारी कर ली गई है और इसके बारे में भी साई के निदेशक से बात की जाएगी। उन्होंने बताया बस्तर में कम से कम पांच खेलों का सेंटर पहले प्रारंभ किया जाएगा, इसके बाद खेलों को बढ़ाया जाएगा। उन्होंने बताया कि बस्तर के साथ बिलासपुर में जिम्नास्टिक, तैराकी, वुशू और बैडमिंटन, रायपुर में वालीबॉल, भारोत्तोलन, हैंडबॉल एवं वुशू के साथ अम्बिकापुर में भी कुछ खेलों के सेंटर के लिए चर्चा की जाएगी। उन्होंने पूछने पर बताया कि राजनांदगांव में शुरुआत में नेटबॉल, साफ्टबॉल, तलवारबाजी, हैंडबॉल, कबड्डी, कराते और वुशू को रखा गया है। इसके बाद दूसरे खेलों को जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस खेल परिसर में १०० खिलाडिय़ों के रहने की भी व्यवस्था रहेगी। इस परिसर के लिए साई के साथ एमओयू को अंतिम रूप देकर खेल विभाग ने एमओयू साई के भोपाल के क्षेत्रीय कार्यालय को भेज दिया है। श्री सिंह ने बताया कि साई के निदेशक के सामने यहां पर ६ सप्ताह का एनआईएस का प्रमाणपत्र कोर्स करवाने की भी मांग रखी जाएगी। यहां पर प्रशिक्षकों की कमी है। अगर यह कोर्स प्रारंभ हो गया तो यहां पर प्रशिक्षकों की कमी दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि साई के सामने छत्तीसगढ़ को अंतराष्ट्रीय स्तर के खेल सामान भी देने का प्रस्ताव रखा जाएगा।

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