शुक्रवार, 12 जून 2009

अंतिम गांव तक खेल की सुविधाएं पहुंचाएंगे

प्रदेश की खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने कहा कि प्रदेश के अंतिम गांव तक खेलों की सुविधाएं पहुंचाने का संकल्प हमारी सरकार ने लिया है। इसके लिए पाइका योजना की मदद से सभी गांवों में खेल मैदानों की सुविधाओं के साथ दूसरी सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएगी।
सुश्री उसेंडी यहां पर नेताजी स्टेडियम में शाम को प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह में बोल रही थीं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार खेलों के प्रति बहुत गंभीर है प्रदेश के हर गांव को खेलों से जोडऩा चाहती है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द केन्द्र सरकार की एक योजना पाइका के साथ खेलों की सुविधाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने अपना बजट भी जारी कर दिया है और पहले चरण के सभी जिलों के गांवों को चिंहित करके केन्द्र सरकार के पास भी भेज दिया गया है।

अभ्यास नियमित जारी रखें- प्रशिक्षण शिविर में शामिल दो हजार से ज्यादा बच्चों को संबोधित करते हुए खेलमंत्री ने कहा कि आप लोगों ने २८ दिनों के प्रशिक्षण शिविर में जो कुछ सीखा है उसका अभ्यास नियमित जारी रखेंगे तभी खेलों में सफलता मिल सकेगी। उन्होंने खिलाडिय़ों से सवाल किया कि खेल के लिए क्या जरूरी है, तो खिलाडिय़ों की तरफ से जवाब आया कि अनुशासन और लगन के साथ मेहनत। खेलमंत्री ने कहा कि आप में दृढ़ इच्छाशक्ति है तो आपके लिए कोई भी मंजिल दूर नहीं है। उन्होंने खिलाडिय़ों से कहा कि प्रशिक्षण शिविर के अपने अच्छे औैर बुरे अनुभव उनके साथ खेल संचालक जीपी सिंह को लिखकर जरूर भेजें ताकि इस बार के शिविर में कुछ कमियां रह गई हों तो उनको अगली बार दूर किया जा सके।


शिविरों से ही प्रतिभाएं सामने आएंगी: सिंह- इससे पहले खेल संचालक जीपी सिंह ने कहा कि खेल विभाग प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन इसलिए करता है क्योंकि इन शिविरों से ही प्रतिभाएं सामने आती हैं। उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में ९५०० खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने भी खिलाडिय़ों से आव्हान किया कि उन्होंने प्रशिक्षण शिविरों में जो सीखा है उसका वे नियमित अभ्यास करें।
२१ खेल २०३५ खिलाड़ी- रायपुर के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने शिविरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी के साथ चार विकासखंड़ों को मिलकर २१ खेलों का ४२ स्थानों पर प्रशिक्षण शिविर लगाया गया जिसमें २०३५ खिलाडिय़ों ने प्रशिक्षण लिया। शिविरों के लिए खेल विभाग ने एक लाख २० हजार का अनुदान दिया।


सभी खेलों के खिलाड़ी सम्मानित- कार्यक्रम के अंत में सभी खेलों के चुने गए खिलाडिय़ों का सम्मान खेल मंत्री लता उसेंडी ने किया। सम्मानित होने वाले खिलाडिय़ों में फुटबॉल के बंटी बघेल, राजादीप, प्रणय डेकाटे, लतेश्वर यादव, अयाज अहमद, शंभु बाग, निकिता स्विज पन्ना, वंदना ध्रुव। साफ्टबॉल के दयासागर तांड़ी, ज्योति पारख, हितेश साहू, डागर्शी। हैंडबॉल रजनी, प्रीति। हॉकी रूचि बुंदेल, दीपिका नायक, जुनैद अहमद, अरशद। वालीबॉल सांमवी मुलकुले, नितेश गेजम, राकेश, सूरज वर्मा, हेमंत कुमरी। कराते अनुष्का पाठक, ब्लेसी राजन। बैडमिंटन एश्वर्या यदु, अनमोल करकरे। टेबल टेनिस शंशाक अहिराव, रायजादा, संकेत अग्रवाल, नम्रता गुप्ता। नेटबॉल अक्षत पांडे, जोन। एथलेटिक्स उत्कृष्ठ डामेश्वर। बास्केटबॉल कृष्णा नायक, ममता देवांगन, रीना नायक, निशा सिंग, शंशाक कोठारी। टेनीक्वाइट दिलीप पांडे, सुनील यादव। ताइक्वांडो संदीप साहू, राजन टांडी, ममता पाणिग्रही, रीना जंघेल, निखिलेश यादव, रश्मिा साहू, म्यू-थाई आकांक्षा गौते, अंशुल साहू। मुक्केबाजी मो. गुलाम। जंप रोप सुमन जोशी, योगेश। जिम्नास्टिक एकता भोई। वूशू प्रभाष जोशी, भावना वर्मा। कबड्डी हेमलता साहू, सोनल नायक। बास्केटबॉल-नेटबॉल भाटापारा सुमित्रा राजपूत, माधवी बाजपेयी। वालीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल बैकुंठ गौरव वर्मा, माधुरी साहू सिद्धार्थ शर्मा। गरियाबंद के राकेश शुक्ला, नरेश रात्रे कमलेश देवांगन। कसडोल के शैलेन्द्र राव प्रभात एवं गौरी कैवत्र्य शामिल हैं।

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