शुक्रवार, 5 जून 2009

महंगे खेल बैडमिंटन में भी खिलाडिय़ों की रूचि

सप्रे स्कूल के बैडमिंटन हॉल में छोटे-छोटे खिलाड़ी बैडमिंटन का प्रशिक्षण लेने में मशगुल हैं। इस महंगे खेल के प्रति भी खिलाडिय़ों में रूचि कम नहीं है। खिलाड़ी कहते हैं कि खेल भले महंगा है, पर बैडमिंटन जैस कोई खेल नहीं है। इस खेल से फिटनेस अच्छी रहती है।

खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा राजधानी में चलाए जा रहे २१ खेलों के प्रशिक्षण शिविर में एक खेल बैडमिंटन भी शामिल है। इस खेल को सबसे महंगा खेल माना जाता है। लेकिन खिलाडिय़ों का रूङाान इस खेल की तरफ देखते हुए लगता नहीं है कि इस महंगे खेल से खिलाडिय़ों का मोह भंग हो गया है। महंगा खेल होने के बाद भी इस खेल में जिस तरह से फिटनेस अच्छी रहती है उसी को देखते हुए इस खेल की तरफ खिलाड़ी खींचे चले आते हैं। खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देने काम पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ उनके पति अनुराग दीक्षित कर रहे हैं। करीब ३० बच्चे प्रशिक्षण ले रहे हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में कहना है कि वे नियमित खेलना चाहते हैं। वैसे भी सप्रे हॉल में नियमित रूप में प्रशिक्षण चलता रहता है।

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