रविवार, 28 जून 2009

लड़कों के साथ खेलकर ही निखरेगा खेल

सप्रे स्कूल के मैदान में एक मैच में जूनियर लड़कियों ने जूनियर लड़कों के साथ फुटबॉल के रोमांचक मुकाबले में उनको जीतने ही नहीं दिया। लड़कियों का दम देखकर दर्शक भी दंग रह गए। जूनियर लड़कियों ने जो कमाल दिखाया उसको सीनियर लड़कियां कायम नहीं रख पाईं और सीनियर लड़कों से ०-३ से हार गई। लेकिन पहले हॉफ में लड़कियों ने जरूर जोरदार खेल दिखाया।

शेरा क्रीड़ा समिति ने अपने ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर में इस बार एक नई परंपरा का प्रारंभ किया। यहां पर फुटबॉल की लड़कियों और लड़कों के बीच में लगातार मैच करवाए गए। इस कड़ी को समापन के दिन भी दोहराया गया और एक नहीं बल्कि दो मैच करवाए गए। पहला मैच जूूनियर लड़के और लड़कियों के बीच तथा दूसरा सीनियर लड़के-लड़कियों के बीच। इन मैचों की सबसे बड़ा खासियत यह रही कि दोनों मैच काफी साफ-सुधरे रहे। जूनियरों का मैच तो मैच गोल रहित बराबर रहा। इस मैच का रोमांच इतना था कि दर्शक भी मैच देखकर दंग थे कि लड़कियां इतना अच्छा खेल रही हैं। लड़कियों ने लड़कों को गोल करने का कोई मौका ही नहीं दिया। दोनों टीमों ने मैच जीतने की पूरी कोशिश की, पर सफलता किसी को नहीं मिली। लेकिन सीनियरों के मैच में जरूर लड़कों ने ३-० से बाजी मार ली। इन मिक्स मैचों का आयोजन इसलिए किया गया ताकि लड़कियों के खेल में निखार आ सके। लड़कियों की कोच सरिता कुजूर का मानना है कि ऐसे मैचों से लड़कियों का खेल निखरेगा। ऐसे मैच लगातार होने चाहिए।

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