प्रदेश की सीनियर और जूनियर क्रिकेट चैंपियनशिप में रायपुर के साथ भिलाई का भी वर्चस्व टूट गया है। अब तो बिलासपुर और सरगुजा की टीमें मैदान में आकर प्रदेश में नंबर वन हो गई हैं। सीनियर के साथ जूनियर (अंडर १९ साल) वर्ग में बिलासपुर चैंपियनशिप है तो अंडर १६ में सरगुजा राज्य में विजेता है।
प्रदेश में क्रिकेट में एक समय रायपुर और भिलाई की ही तूती बोलती थी। कोई भी चैंपियनशिप हो ऐसा लगता था कि विजेता का ताज इन दोनों में से किसी एक टीम के सिर ही जुड़ेगा। लेकिन अब ऐसा नहीं रह गया है। आज प्रतिस्पर्धा इतनी ज्यादा हो गई है कि छोटे जिलों की टीमें भी कमाल का प्रदर्शन करने लगी हैं। सीनियर वर्ग में भिलाई को मात देकर जहां बिलासपुर ने खिताब जीता था, वहीं रायपुर को सेमीफाइनल में भिलाई से मात खानी पड़ी थी। जूनियर वर्ग अंडर १९ में भी बिलासपुर ने ही खिताब जीता। अब जहां तक अंडर १६ साल की टीम का सवाल है तो इसमें सरगुजा की टीम से बाजी मारी थी। ये सारे परिणाम इस बात को साबित करते हैं कि अब यह बात करना कि रायपुर और भिलाई की टीम में ही अच्छे खिलाड़ी रहते हैं गलत है। अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी राजेश चौहान भी इस बात को मानते हैं कि अब भिलाई और रायपुर की दादागिरी नहीं चलने वाली है। उनका कहना है कि जिस टीम के खिलाड़ी मेहनत करेंगे सफलता उसी को मिलेगी। आज प्रतिस्पर्धा बढ़ गइ है ऐसे में जो मेहनत नहीं करेगा उसका हश्र क्या होगा यह बताने की जरूरत नहीं है। नतीजा सामने है आज बिलासपुर और सरगुजा की टीमें जीत रहीं हैं कल और कहीं की टीमें जीत सकती हैं। रायपुर के खिलाडिय़ों को इस बात का मलाल है कि उनके पास कोई मैदान नहीं है जहां पर अभ्यास किया जा सके। वास्तव में यह राजधानी के लिए दुर्भाग्यजनक है कि राजधानी के खिलाडिय़ों के पास क्रिकेट के लिए भी मैदान की कमी है।
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