सोमवार, 22 जून 2009

अब होगा खेलों का विकास

स्कूलों में खेल पीरियड की अनिवार्यता पर खेलमंत्री का मत
प्रदेश के स्कूलों में खेल पीरियड को अनिवार्य करने के स्कूली शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए खेलमंत्री सुश्री लता उसेंडी का कहना है कि अब प्रदेश में खेलों का समुचित विकास हो सकेगा। उनका कहना कि खेलों की नींव का काम ही स्कूली खेल करते हैं। ऐसे में स्कूलों में खेलों की अनिवार्यता के कारण खेलों में अब प्रतिभाएं सामने आएंगी।

खेलमंत्री लता उसेंडी ने अपने निवास में चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश की हमारी भाजपा सरकार का पहला मकसद प्रदेश में खेलों का विकास करना है। इसके लिए जो भी अच्छा काम हो सकता है उसको किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के मुखिया डॉ। रमन सिंह की रूचि खेलों में बहुत ज्यादा है। ऐसे में उनसे चर्चा के बाद यह तय किया गया कि खेलों के विकास के लिए यह जरूरी है कि स्कूलों में खेलों का पीरियड अनिवार्य कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि वैसे तो स्कूलों में खेल होते हैं, पर पीरियड की अनिवार्यता के बाद अब ज्यादा खिलाड़ी निकल सकेंगे। उन्होंने कहा कि यह बात सभी जानते हैं कि खेलों का असली बेस स्कूली खेल हैं। स्कूली खेलों से निकल कर ही खिलाड़ी ओपन वर्ग में जाते हैं। और स्कूलों में ही खेलों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा तो खिलाड़ी कैसे निकलेंगे। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चूंकि पहले खेलमंत्री भी रहे हैं ऐसे में वे भी खेलों के बारे में ज्यादा अच्छे से जानते हैं।


सुश्री उसेंडी ने पूछने पर कहा कि खेल विभाग भी खेलों के विकास के लिए कई योजनाएं बना रहा है। उन्होंने बताया कि प्रतिभाखोज के तहत स्कूल स्तर से लेकर विकासखंड, जिला और राज्य स्तर पर प्रतिभाओं की खोज की जाएगी। इन प्रतिभाओं को निखारने की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी। उन्होंने कहा कि खेलों की हर सुविधा राज्य में देने का हमारी सरकार का इरादा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में खेल मैदानों की कमी न हो इसीलिए राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेने का भी फैसला किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सहमति मिलने के बाद अब खेल विभाग प्रस्ताव बनाने में जुटा है।

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