मंगलवार, 23 जून 2009

सायना की जीत से छलका उत्साह


छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी जोश में
भारत की बैडमिंटन की सुपर स्टार सायना नेहवाल के धमाकेदार प्रदर्शन से राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी भी उत्साहित हैं। सभी खिलाडिय़ों का एक स्वर में मानना है कि सायना की जीत छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि पूरे देश के खिलाडिय़ों को एक नई राह दिखाएगी। खिलाडिय़ों का ऐसा मानना है कि सभी खिलाड़ी चाहेंगे कि वे भी सायना की तरह सफलता की राह पर जाएं ताकि वे भी अपने राज्य और देश का नाम कर सकें।


सायना ने इंडोनेशिया ओपन का खिताब जीत कर इतिहास रचा है। सायना की इस जीत को राजधानी के बैडमिंटन खिलाड़ी बैडमिंटन के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानते हैं। खिलाडिय़ों को बैडमिंटन के गुर सिखाने वाली पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कविता दीक्षित के साथ अनुराग दीक्षित का ऐसा मानना है कि जिस तरह से लॉन टेनिस में सानिया मिर्जा के साथ लिएंडर पेस और महेश भूपति की सफलता से एक बूम आया है, उसी तरह का बूम अब बैडमिंटन में भी आने की पूरी संभावना है। एक बार देश में तब बैडमिंटन में बूम आया था जब प्रकाश पादुकोण ने आल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियनशिप जीत कर इतिहास रचा था। सायना ने तो बैडमिंटन के इतिहास में काफी आगे जाने का काम किया है। इंडोनेशिया ओपन के पहले उनका ओलंपिक में किया गया प्रदर्शन कौन भूल सकता है। तभी से ऐसा लगा था कि सायना कुछ भी कमाल कर सकती हैं।


३२ बार राष्ट्रीय चैंपियनशिप में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करने वाली राखी अलोनी के साथ उनकी बहन रश्मि अलोनी कहती हैं कि वह बता नहीं सकती हैं सायना की जीत के बाद उनमें कितना जोश आ गया है। राखी इस समय भोपाल में अपने माता-पिता के पास हैं। वह कहती हैं कि उनको ऐसा लग रहा है कि कब मैं रायपुर आऊं और बैडमिंटन कोर्ट में जाकर खेलना प्रारंभ कर दूं। उनका कहना है कि सायना की यह जीत छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों में इतना ज्यादा उत्साह भर देगी कि यहां के खिलाड़ी भी चाहेंगे कि उनको भी ऐसी कोई सफलता मिल जाए। राष्ट्रीय खिलाड़ी देवव्रत दास गुप्ता के साथ सप्रे बैडमिंटन हॉल में नियमित अभ्यास करने वाले खिलाड़ी वैभव ताम्बे, प्रखर दीक्षित, संयम शुक्ला के साथ अनुंशा पिल्ले, करिश्मा चौधरी, विशाळ मुरङाानी, स्नेहीत चटर्जी, दीक्षा चौधरी एवं एश्वर्या यदु का एक स्वर में मानना है कि उनको जब से मालूम हुआ है कि सायना ने इंडोनेशिया ओपन की सुपर सीरीज जीती तो सभी खिलाड़ी उत्साहित हैं। इन्होंने एक स्वर में कहा कि हम लोगों का भी मनोबल बढ़ा है कि जब अपने देश की एक खिलाड़ी जीत सकती हैं तो हम लोग भी उनकी तरह मेहनत करें तो हम लोगों को भी सफलता क्यों नहीं मिल सकती है। इन खिलाडिय़ों ने बताया कि वैसे भी जब सायना को ओलंपिक में सफलता मिली थी, तब से राजधानी में बैडमिंटन के प्रति लोगों में दीवानगी बढ़ी है। महंगा खेल होने के बाद भी प्रशिक्षण शिविर में ५० से ज्यादा खिलाड़ी आए थे। खिलाडिय़ों ने बताया कि यहां रोज कई खिलाड़ी नियमित अभ्यास करने आते हैं। इनका ऐसा मानना है कि अब जबकि सायना को इतनी बड़ी सफलता मिली है इसका एक फायदा यह भी होगा कि खिलाडिय़ों में बैडमिंटन का क्रेज बढ़ेगा।

2 टिप्‍पणियां:

Science Bloggers Association ने कहा…

इससे अन्‍य खेलों में भी लोगों की रूचि बढेगी।

-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

अन्य खेलों में रुचि बढ़ने के लिए यह जरूरी है कि जीत का सिलसिला बरकरार रहे। एक के पीछे दूसरी लाइन तैयार रहे।

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