हिन्द स्पोर्टिंग फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष दुबे ने आज यहां ऐलान किया है कि अगर सरकार लाखे नगर के मैदान को अगले साल तक नहीं बनाएगी तो उसे एसोसिएशन बनाएगा। मैदान को बनाने के लिए एसोसिएशन सक्षम है। मैदान को स्टेडिमय का रूप देने में सात से आठ करोड़ का खर्च आएगा। मैदान का खसरा नंबर सही होने के बाद मैदान के बनाने में आ रही सारी बाधाएं दूर हो गई हैं।
यहां पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए श्री दुबे ने बताया कि यह अंतिम साल है जब हम लोग हिन्द स्पोर्टिंग फुटबॉल स्पर्धा का आयोजन खराब मैदान पर कर रहे हैं। उम्मीद है कि अगले साल यह मैदान स्टेडियम का रूप ले लेगा। उन्होंने बताया कि मैदान को बनाने की राह में जो सबसे बड़ी बाधा खसरा नंबर के गलत अंकित होने की थी, वह दूर हो चुकी है। उन्होंने बताया कि मंत्रालय के एक अधिकारी ने जानबूङा कर खसरा नंबर गलत लिख दिया था। इस अधिकारी की मनमर्जी के कारण ही परेशानी हो रही थी। इस अधिकारी की मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री रामविचार नेताम ने भी शिकायत की थी। इस अधिकारी को मुख्यमंत्री ने जांच के दौरान मंत्रालय में कार्यालय के समय में गायब भी पाया। मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप से अब खसरा नंबर ठीक कर दिया गया है। ऐसे में अब मैदान जल्द बन जाएगा।
श्री दुबे कहा कि संघ ने अपनी कार्यकारिणी की बैठक में फैसला किया है कि अगर सरकार मैदान बनाकर नहीं देती है तो संघ जनसहयोग से मैदान बना लेगा। उन्होंने बताया कि मैदान को स्टेडियम का रूप देकर स्टेडियम के सामने दुकानें निकाली जाएंगी। इन दुकानों को लेने के लिए कई लोग तैयार हैं। स्टेडियम के निर्माण में जो सात से आठ करोड़ का खर्च होना है, वह जुटाने में संघ सक्षम है। उन्होंने बताया कि स्टेडियम में पांच बड़े हॉल बनाने की योजना है ताकि बाहर से ओ वाली टीमों को ठहराने में परेशानी न हो। अभी कोई बी बड़ा आयोजन होता है तो टीमों को ठहराने में सबसे ज्यादा दिक्कतें होती हैं।
स्टेडियम बनते ही बदलेगा स्पर्धा का रूप
श्री दुबे ने बताया कि यह बात तय है कि अगले साल तक स्टेडियम बन जाएगा और इसके बनते ही हिन्द स्पोर्टिंग फुटबॉल स्पर्धा का स्वरूप ी बद जाएगा। यह स्पर्धा पहले छत्तीसगढ़ स्तर पर फिर राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाएगी। इसमें ४५ से ज्यादा टीमों को शामिल किया जाएगा। मैदान बनने के बाद यह भी तय है कि देश की नामी टीमों को यहां आकर खेलने में परेशानी नहीं होगी। अभी मैदान ठीक न होने के कारण नामी टीमें आने से कतराती हैं।
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