प्रदेश का खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रदेश ने एक हजार गांवों के क्रीड़ाश्री को राजधानी में प्रशिक्षण देने की तैयारी कर रहा है। राजधानी में होने वाले इस शिविर के लिए स्पोट्र्स कॉम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम को चुना गया है। वहां पर अगले माह कई चरणों में यह आयोजन किया जाएगा। इसी के साथ केन्द्र सरकार की पायका योजना के पहले चरण में प्रदेश के एक हजार गांवों को खेलों से जोड़ा जा रहा है।
केन्द्र सरकार की योजना पायका में देश के हर राज्य के सभी गांवों को खेलों से जोडऩे की पहल की गई है। इस योजना में हर राज्य से पहले चरण में १० प्रतिशत गांवों को खेलों से जोड़ा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पहले साल में इस योजना के लिए करीब एक हजार गांवों का चयन किया गया है। इन गांवों में खेलों के विकास के लिए केन्द्र सरकार से करोड़ों की राशि भी मिली है। इन राशि में हर गांव के क्रीड़ाश्री के लिए भी मानदेय रखा गया है।
पहले चरण में प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने राज्य के सभी जिलों के चिन्हित गांवों में क्रीड़ाश्री भी तय कर दिए हैं। अब इन क्रीड़ाश्री का काम क्या होगा, इनको गांवों में खेलों के विकास के लिए क्या करना है, इसके लिए इनको प्रशिक्षण देने की योजना खेल विभाग ने बनाई है। इस योजना के बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि हर गांवों में जो क्रीड़ाश्री बनाए गए हैं, वे ऐसे लोग हैं जिनका जुड़ाव खेलों से है। ज्यादातर गांवों के खेल शिक्षकों के साथ खेल संघों से जुड़े लोग या फिर नए या पुराने खिलाडिय़ों को क्रीड़ाश्री बनाया गया है। ऐसे लोगों का चयन इसलिए किया गया है ताकि ये खेलों के विकास में अहम भूमिका निभा सके। इसी के साथ एक बात यह भी है कि क्रीड़ाश्री का मानदेय बहुत कम है ऐसे में खेलों से जुड़े लोग ही खेलों के विकास में गंभीरता से साथ दे सकते हैं।
श्री सिंह ने बताया कि राजधानी में अगले माह होने वाले क्रीड़ाश्री के प्रशिक्षण शिविर की जे योजना है कि उसे कम से कम तीन से पांच चरणों में किया जाए। एक चरण में २०० क्रीड़ाश्री या फिर १००० क्रीड़ाश्री को तीन हिस्सों में बांटकर तीन अलग-अलग दिनों में इसको केन्द्र सरकार द्वारा क्रीड़ाश्री के लिए तय किए कामों के बारे में जानकारी दी जाएगी। श्री सिंह ने पूछने पर बताया कि छत्तीसगढ़ को जहां पहले चरण के लिए केन्द्र सरकार से मदद मिल गई है, वहीं प्रदेश सरकार ने भी इसके लिए बजट दिया है। प्रदेश सरकार का बजट पहले ही मिल गया था। उन्होंने बताया कि क्रीड़ाश्री को मानदेय की राशि देने के लिए जिलों को भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि पायका के लिए अगले दो सालों की और योजना बनाकर केन्द्र सरकार को भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण के लिए स्पोट्र्स काम्पलेक्स का आउटडोर स्टेडियम उपयुक्त स्थान है। यहां पर क्रीड़ाश्री को ठहराने की भी व्यवस्था है। उन्होंने बताया कि वे आउटडोर स्टेडियम का निरीक्षण भी कर चुके हैं, इससे ज्यादा उपयुक्त स्थान और कोई राजधानी में नजर नहीं आता है।
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