वीके चौबे स्मृति अंतर शालेय फुटबॉल में फाइनल मुकाबले दोपहर १.३० बजे से प्रारंभ होंगे। पहला फाइनल अंडर १४ साल का होगा। इसके बाद अंडर १९ और फिर अंडर १७ का फाइनल होगा। फाइनल मैचों के बाद शाम को ६ बजे पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम होगा जिसके मुख्यअतिथि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल होंगे।
शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा २५ दिनों तक करवाई गई इस सबसे लंबी चैंपियनशिप का अंतिम पड़ाव आ गया है। अब बुधवार को सप्रे शाला के मैदान में फाइनल मैचों का घमासान होगा। इसके लिए मैदान को तैयार कर लिया गया है। सबसे पहले अंडर १४ साल में विवेकानंद का मुकाबला राजकुमार कॉलेज से होगा। इसके बाद अंडर १९ साल में खिताबी भिड़ंत विवेकानंद विद्या पीठ और होलीक्रास बैरनबाजार के बीच होगी। तीसरा फाइनल मुकाबला विवेकानंद और वामनराव लाखे स्कूल के बीच अंडर १७ साल का होगा। यह पहला मौका है कि जब एक ही स्कूल की तीनों वर्गों की टीमें फाइनल में पहुंची है।
क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि फाइनल मैचों के ूबाद होने वाले पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्यअतिथि शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल होंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डीजीपी विश्वरंजन करेंगे। विशेष अतिथि के रूप में महापौर सुनील सोनी, नगर निगम के सभापति रनत डागा, हज कमेटी के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज, एडीजीपी रामनिवास, कलेक्टर संजय गर्ग, एआईजी पीएन तिवारी, पुलिस अधीक्षक अमित कुमार, सिटी एसपी शशि मोहन सिंह, रजनीश सिंह, डायनामिक जेसीबी के एमडी अश्वनी महेन्दु, प्रदेश ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ. अनिल वर्मा और प्रदेश ट्रक संघ के राजेन्द्र सिंह बेनीपाल उपस्पित रहेंगे।
लीग से ही निखरती है टीमें
आयोजक क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि आर्थिक अभाव के बाद भी उनके क्लब ने स्पर्धा को २५ दिनों तक आयोजित करने का साहस किया। बकौल मुश्ताक अगर क्लब चाहता है स्पर्धा को लाकआउट आधार पर आयोजित करके पांच दिनों में समाप्त कर देता। लेकिन क्लब का मकसद टीमों को निखारने का रहा है। नाकआउट में कई बार अच्छी टीमें गलती से एक मैच हार कर बाहर हो जाती हैं उनको अपनी गलती को सुधारने का मौका ही नहीं मिलता है। लेकिन लीग में एक मैच में की गई गलती को कम से कम दूसरे मैच में सुधार कर आगे बढऩे का रास्ता रहता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की ही नहीं बल्कि यह देश की सबसे लंबी चैंपियनशिप है जो २५ दिनों तक चली है। राष्ट्रीय खेल और ओलंपिक में भी इतनी लंबी अवधि की चैंपियनशिप नहीं होती है। उन्होंने बताया कि स्पर्धा में अंडर १४ साल में ४५, अंडर १७ में ४२ और अंडर १९ साल में २३ टीमें के साथ बालिका वर्ग में अंडर १९ साल में १० टीमें ने भाग लिया। सभी विजेता और उपविजेता टीमों को ट्राफी दी जा रही है। इसी के साथ इन सभी टीमों के खिलाडिय़ों को डीजीपी विश्व रंजनकी तरफ से ट्रेक शूट दिए जा रहे हैं।
मृणाल आएंगे विशेष रूप से
मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि उनसे जुड़े हुए भारतीय टीम के गोलकीपर मृणाल चौबे विशेष रूप फाइनल मैचों के लिए भारतीय टीम के प्रशिक्षण शिविर से अवकाश लेकर आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि मृणाल का शेरा क्लब से विशेष लगाव है। यहां पर यह बताना लाजिमी होगा कि मुश्ताक अली प्रधान से ही मृणाल ने हॉकी के प्रारंभिक गुर सीखे हैं और आज भी वे उनसे खेल के लिए टिप्स लेते रहते हैं।
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