वीके चौबे स्मृति अंतर शालेय फुटबॉल में विवेकानंद विद्या पीठ की टीमें तिहरे खिताब से चूक गईं। विवेकानंद के हाथ एक मात्र खिताब अंडर १७ साल का लगा। पहली बार आयोजित बालिका वर्ग की चैंपियनशिप में एमजीएम का कब्जा रहा।
शेरा क्रीड़ा समिति द्वारा यहां पर सप्रे स्कूल के मैदान में करवाई गई अंतर शालेय फुटबॉल चैंपियनशिप में पहली बार इतिहास रचते हुए विवेकानंद विद्या पीठ की तीनों टीमें फाइनल में पहुंच गर्ईं थीं। लेकिन फाइनल में एक मात्र अंडर १७ साल की टीम की कमाल कर सकी और उसने वामनराव लाखे स्कूल को २-१ से मात देकर खिताब जीता। इस मैच में निहालिक और आत्माराम ने गोल किए। लाखे के लिए एक मात्र गोल प्रवीण सिदार ने किया। अंडर १४ साल में विवेकानंद को आरकेसी ने नील प्रताप के एक गोल से मात देकर खिताब से वंतित कर दिया। अंडर १९ साल में होलीक्रास ने विवेकानंद को खिताबी जीत से रोका। उसने ४-० से जीत प्राप्त की। दो गोल समीर तिर्की और प्रमोद और सुमन ने एक-एक गोल किया। चैंयिपनशिप में पहली बार बालिका वर्ग की स्पर्धा करवाई गई। इसमें एमजीएम ने पैलोटी सी को मात देकर खिताब जीता। बालक वर्ग फेयर प्ले ट्राफी अंडर १४ साल में डीपीएस, अंडर १७ में सालेम और अंडर १९ में लाखे स्कूल को दी गई।
क्लब के संस्थापक मुश्ताक अली प्रधान ने बताया कि स्पर्धा में अंडर १४ साल में ४५, अंडर १७ में ४२ और अंडर १९ साल में २३ टीमें के साथ बालिका वर्ग में अंडर १९ साल में १० टीमें ने भाग लिया। सभी विजेता और उपविजेता टीमों को ट्राफी दी गई। इसी के साथ इन सभी टीमों के खिलाडिय़ों को डीजीपी विश्व रंजन की तरफ से ट्रेक शूट दिए गए।
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