राष्ट्रीय खेल २०१३-१४ की मेजबानी लेने की कवायद खेल विभाग ने तेज कर दी है। इसके लिए भारतीय ओलंपिक संघ में दावा करने की तैयारी के तहत ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों के साथ विभाग ने एक बैठक कर ली है, अब २३ अगस्त को सभी खेलों संघों के साथ एक बैठक होने वाली है। इस बैठक के बाद दिल्ली में प्रदेश की खेल मंत्री लता उसेंडी की अध्यक्षता में जाकर मेजबानी का दावा किया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी लेना चाहती है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ। रमन सिंह ने भी सहमति पहले ही दे दी है। इस सहमति के बाद खेल विभाग मेजबानी लेने की तैयारी में जुट गया है। मेजबानी के लिए जो ५० लाख की राशि प्रारंभिक तौर पर लगनी है उसका बजट भी सरकार ने पास कर दिया है। उन्होंने बताया कि मेजबानी लेने के लिए प्रदेश ओलंपिक के प्रस्ताव पर ही सरकार कार्रवाई करती है। उन्होंने बताया कि एक फार्म भरकर उसमें समूची जानकारी के साथ उसको भारतीय ओलंपिक संघ के सामने पेश करना रहता है। श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश ओलंपिक संघ के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में फार्म को भरने के साथ कौन से खेल कहां होने हैं इस पर भी चर्चा की गई। ओलंपिक संघ की सूची में करीब ४० खेल हैं। इन खेलों में से ३३ खेलों का आयोजन होना है। राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए इस समय हमारे पास कितने मैदान हैं। और कितने मैदानों की जरूरत पड़ेगी। इन सारी जानकारी के साथ मेजबानी का दावा करने वाले दस्तावेज ओलंपिक संघ के सामने पेश करने हैं।
श्री सिंह ने बताया कि सारे कागजों को तैयार करने के पास ५० लाख का एक ड्राफ्ट बनाकर खेल मंत्री लता उसेंडी के साथ खेल विभाग और ओलंपिक संघ के कुछ पदाधिकारी दिल्ली जाकर भारतीय ओलंपिक संघ के सामने दावा रखेंगे। इस दावे के बाद जब भारतीय ओलंपिक संघ का बुलावा आएगा तब वहां जाकर उनके सामने सारी जानकारी देनी होगी कि हमारे पास क्या-क्या सुविधा है। उन्होंने बताया कि मेजबानी के लिए सरकार और नगर निगम से भी मंजूरी जरूरी रहती है। सरकार के पास और निगम के पास मंजूरी के लिए पत्र भेज दिए गए हैं। इसकी मंजूरी जल्द मिल जाएगी। उन्होंने बताया कि अगले चरण में अब खेल विभाग २३ अगस्त को प्रदेश के सभी मान्यता प्राप्त खेल संघों के साथ बैठक करने वाला है। इस बैठक के बाद यह तय किया जाएगा कि कौन-कौन से खेलों को राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया जाएगा।
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