मंगलवार, 4 अगस्त 2009

९० प्रतिशत अनुदान केन्द्र दे



छत्तीसगढ़ की खेल मंत्री लता ने रखी दिल्ली की बैठक में मांग
छत्तीसगढ़ की खेल मंत्री सुश्री लता उसेंडी ने दिल्ली में केन्द्र सरकार के सामने पाइका योजना के लिए छत्तीसगढ़ को ९० प्रतिशत अनुदान देने की मांग रखी। इस मांग पर केन्द्रीय खेल मंत्री एमएल गिल ने विचार करने का आश्वासन दिया है। केन्द्र के सामने बस्तर में साई के सेंटर के साथ रायपुर में साई के क्षेत्रीय कार्यालय की शाखा भी खोलने की मांग रखी गई है।


नई दिल्ली में सोमवार को देश भर के खेल मंत्रियों की बैठक केन्द्रीय खेल मंत्री एमएस गिल के साथ हुई। इस बैठक का मुख्य मकसद पाइका योजना को देश भर में लागू करवाना है। बैठक में शामिल छत्तीसगढ़ की खेल मंत्री लता उसेंडी ने मांग रखी कि चूंकि छत्तीसगढ़ आदिवाीस बाहुल्य राज्य है ेेऐसे में छत्तीसगढ़ को विशेष रूप से रियायत देते हुए केन्द्र सरकार ७५ प्रतिशत के स्थान पर ९० प्रतिशत अनुदान राशि दे। खेल मंत्री ने २००८-०९ के लिए भी पाइका का बजट देने की मांग रखी। यह बजट चुनाव के कारण नहीं मिल पाया था। सुश्री उसेंडी ने इसी के साथ बस्तर में राजनांदगांव की तरह ही साई का एक बड़ा सेंटर खोलने, रायपुर में साई के क्षेत्रीय कार्यालय की एक शाखा खोलने की मांग भी रखी। अन्य राज्यों के साथ सुश्री उसेंडी ने भी पाइका में खेल मैदानों की राशि एक लाख से ज्यादा करने की मांग रखी। क्रीड़ाश्री के लिए दिए जाने वाले पांच रुपए के मानदेय को भी बढ़ाने की बात की गई। अब क्रीड़ा श्री के लिए खेल शिक्षकों को शामिल करने पर केन्द्र सहमत हो गया है।


प्रदेश के खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि बैठक में छत्तीसगढ़ के साथ सारे राज्यों ने एक मत से इस बात को रखा कि पाइका योजना के लिए न्यूनतम ४६ सौ की जनसंख्या वाले गांवों को ही रखने का प्रावधान सही नहीं है। इस प्रावधान को हटाया जाए और कम जनसंख्या वाले गांवों को भी योजना का लाभ दिया जाए। लता उसेंडी ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ में बहुत से गांव ऐसे हैं जिनकी जनसंख्या एक हजार भी नहीं है। ऐसे में ये गांव खेलों से वंचित रह जाएंगे।


सभी बातों पर केन्द्रीय खेल मंत्री एमएस गिल ने कहा कि सभी राज्यों की सहमति से योजना में जो कमियां हैं उनको दूर किया जाएगा और सारी मांगों पर गंभीरता से विचार होगा। बैठक में छत्तीसगढ़ द्वारा मैदानों को बचाने के लिए बनाए गए विधेयक पर भी चर्चा हुई और इस विधेयक को सराहा गया। इस तरह का विधेयक अन्य राज्यों ने भी लाने की बात कही है।

1 टिप्पणी:

Arun ने कहा…

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