गुरुवार, 14 जनवरी 2010

सुविधाओं पर प्रतिभाएं हावी

अपनी मेजबानी में कमाल कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी

प्रदेश में भले खेलों की सुविधाओं का टोटा है, लेकिन अपने राज्य की प्रतिभाएं राष्ट्रीय स्पर्धाओं की मेजबानी का फायदा उठाते हुए अपने खेल को निखारने के साथ राज्य को पदक दिलाने का काम करने में लगी हैं। टेबल टेनिस, वालीबॉल के साथ कबड्डी जैसे खेल में प्रदेश के खिलाडिय़ों ने इतिहास रच दिया है। इधर क्रिकेट में भी प्रदेश के जूनियर खिलाडिय़ों ने जलवा दिखाया और अपनी मेजबानी में पहली बार हुई अंडर १९ साल की राष्ट्रीय स्पर्धा का खिताब भी उड़ाया। इस खिताबी जीत के साथ एक फायदा यह हुआ कि प्रदेश के ६ खिलाडिय़ों को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में स्थान मिल गया है।
छत्तीसगढ़ में एक माह के अंदर ही चार राष्ट्रीय स्पर्धाओं का आयोजन हुआ है और इन चारों स्पर्धाओं में प्रदेश के खिलाडिय़ों ने सफलता प्राप्त की है। सबसे पहले दिसंबर में अंडर १९ राष्ट्रीय क्रिकेट का आयोजन किया गया। इसमें प्रदेश की टीम से जोरदार प्रदेश करते हुए सात राज्यों की टीमों के बीच में खिताब उड़ाने का कमाल दिखाया। यह पहला ही मौका था जब प्रदेश की टीम को राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने का मौका मिला और पहले ही मौके में टीम के खिलाडिय़ों ने अपनी मेजबानी में खिताब जीतने का कमाल कर दिया। छत्तीसगढ़ को खिताब जीतने का सबसे बड़ा फायदा यह मिला कि यहां के ६ खिलाडिय़ों प्रखर राय, विशाल कुशवाहा, अखंड प्रताप सिंह, प्रतीक राज, वी। नीतिश राय और इयान कास्टर को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी में स्थान मिल गया। ये खिलाड़ी ११ जनवरी से बेंगलौर में प्रारंभ हुए अकादमी के शिविर में गए हैं। इसी के साथ टीम के कोच राजा बेनर्जी को भी अकादमी में प्रशिक्षण के लिए बुलाया गया है।


क्रिकेट के बाद जब राजधानी में ३० दिसंबर से राष्ट्रीय जूनियर और यूथ टेबल टेनिस स्पर्धा का आयोजन किया गया तो इसमें भी प्रदेश के खिलाडिय़ों ने कमाल करते हुए पहली बार टीम गेम के क्वार्टर फाइनल में स्थान बनाया। इस राष्ट्रीय स्पर्धा के प्रारंभ होने से पहले ही यूथ टीम के खिलाडिय़ों अंशुमन राय, सागर घाटगे, कुणाल देव ने कहा था कि इस बार उनका इरादा टीम को कम से कम क्वार्टर फइनल में पहुंचाने का है। इन खिलाडिय़ों ने अपना वादा निभाते हुए दिल्ली जैसी टीम को कड़ी टक्कर देते हुए ३-२ से मात देकर छत्तीसगढ़ को पहली बार क्वार्टर फाइनल में स्थान दिलाया। इस सफलता के बाद छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी इस बात से खुश हैं कि चलो एक कदम तो आगे बढ़े। इसके पहले टीम कभी भी प्रीक्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाती थी। यहां पर टीम किसी न किसी बड़ी टीम से टक्कर जाती थी और उसे बाहर होना पड़ा था। लेकिन अपनी मेजबानी में खिलाडिय़ों ने ऐसा खेल दिखाया कि सभी दंग रह गए।

टेबल टेनिस के बाद रायपुर में एक साथ दो स्पर्धा एक तरफ रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय में उत्तर-पूर्वी अंतर विवि महिला वालीबॉल और दूसरी तरफ पंडरी में सीनियर राष्ट्रीय कबड्डी का आयोजन किया गया। इन दोनों स्पर्धाओं में एक ही दिन १० जनवरी को छत्तीसगढ़ के खिलाडिय़ों ने इतिहास रचा।
उत्तर-पूर्वी अंतर विवि में मेजबान रविशंकर विश्वविद्यालय का आज क्वार्टर फाइनल में कोलकाता विवि से मुकाबला हुआ। यह मुकाबला बेहद रोमांचक और कांटे का रहा। इसमें रविवि ने अपनी खिलाडिय़ों प्रतीक्षा साठे, रश्मि थामस, प्रियंका वर्मा और बुस्टर द्रोपती के लाजवाब खेल की मदद से यह सेट १५-१३ से जीतकर मैच अपने नाम कर लिया। ३-२ से मिली जीत के साथ ही रविवि की टीम पहली बार स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुंची। इसी के साथ रविवि को अखिल भारतीय स्पर्धा में भी खेलने की पहली बार पात्रता मिली। रविवि की टीम को जो सफलता मिली उसके पीछे रविवि में लगा वह गहन प्रशिक्षण तो था ही जिसमें खिलाडिय़ों को निखारा गया, लेकिन इसी के साथ खिलाडिय़ों की अपनी लगन और मेहनत ज्यादा है। वालीबॉल टीम के कोच राजेश सोमवंशी के साथ प्रदेश वालीबॉल संघ के महासचिव मो। अकरम खान कहते हैं कि दूसरे विश्वविद्यालयों की खिलाड़ी लंबाई में रविवि की खिलाडिय़ों से ज्यादा थी, लेकिन कम कद की होने के बाद भी हमारी खिलाडिय़ों ने खेल में कमाल किया है। इसी के साथ दूसरे राज्यों की तुलना में हमारे राज्य में सुविधाएं भी कम हैं।

अब कबड्डी की बात करें तो इस खेल में महिला टीम ने राष्ट्रीय सीनियर स्पर्धा में जो कमाल किया और पहली बार टीम फाइनल में पहुंची तो सभी वाह-वाह किए बिना नहीं रह सके। इस टीम की खिलाडिय़ों ने स्पर्धा से पहले काफी मेहनत की थी। प्रदेश कबड्डी संघ के महासचिव रामबिसाहू बताते हैं कि टीम को इस तरह से तैयार किया गया था कि टीम कम से कम सेमीफाइनल में पहुंचे ताकि सुपर नेशनल में खेलने की पात्रता मिल जाए, लेकिन टीम ने तो एक कदम आगे बढ़ते हुए फाइनल में पहुंच कर कमा कर दिया। उन्होंने बताया कि टीम को जो सफलता मिली है उसमें खिलाडिय़ों की मेहनत का ज्यादा है।

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को शुभकामनाएँ...

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