गुरुवार, 21 अक्तूबर 2010

पांच लाख से ज्यादा नहीं मिलेंगे एक जिले को

छत्तीसगढ़ ओलंपिक खेलों के महाकुंभ के लिए किसी भी जिले को पांच लाख से ज्यादा का बजट मिलने का सवाल ही नहीं उठता है। प्रदेश के खेल विभाग ने राज्य सरकार को हर जिले को इतना बजट देने का प्रस्ताव भेजा है।
यह जानकारी देते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि मुङो भी मालूम हुआ है कि रायपुर जिले ने ४० लाख का प्रस्ताव बनाकर भेजने का मन बनाया है। उन्होंने कहा कि कोई भी जिला जितने का चाहे प्रस्ताव बनाकर भेज सकता है, लेकिन बजट तो शासन स्तर पर तय होना है। उन्होंने कहा कि हमारे विभाग ने जो योजना बनाई है उस योजना में जिलों के आयोजन के लिए पांच लाख रुपए के बजट का प्रस्ताव रखा गया है। अब बजट को मंजूरी देना सरकार का काम है। संभव है कि इस बजट में भी कटौती कर दी जाए।
खेलों की संख्या अब तक तय नहीं
खेलों की संख्या को लेकर अब तक भ्रम की स्थिति कायम है। एक तरफ जहां खेल विभाग की मंशा १० से १२ खेल ही करवाने की हैं, वहीं खेलमंत्री लता उसेंडी ने कहा है कि राष्ट्रीय खेलों में होने वाले सभी ३४ खेलों को शामिल किया जाएगा। सभी खेलों को शामिल करने पर खेल विभाग के अधिकारी परेशानी होने की बात कर रहे हैं। खेल संचालक जीपी सिंह का इस बारे में कहना है कि हमारे विभाग ने सभी जिलों को एक पत्र भेजकर पूछा है कि उनके जिले में कौन-कौन से खेल होने संभव है। श्री सिंह ने बताया कि कुछ जिलों की जानकारी आ भी गई है। अब तक किसी भी जिसे से एक दर्जन से ज्यादा खेलों के आयोजन करवा पाने की जानकारी नहीं आई है।
उन्होंने पूछने पर कहा कि शासन स्तर पर अगर ३४ खेलों के आयोजन की बात होती है तो इतने खेल करवाएं जाएंगे। उन्होंने कहा कि खेलों की संख्या सभी जिलों से जानकारी आने के बाद एक सप्ताह के अंदर तय कर दी जाएगी। इधर खेलों के जानकारों का कहना है कि राज्य जिला स्तर पर भले ३४ खेलों का आयोजन संभव न हो, लेकिन राज्य स्तर पर तो इतने खेलों का आयोजन किया जा सकता है।

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