शुक्रवार, 8 अक्तूबर 2010

राजनांदगांव में मुश्किल होगा राष्ट्रीय महिला खेलों का आयोजन

राष्ट्रीय महिला खेलों के लिए खेल विभाग द्वारा राजनांदगांव का चयन करने पर सवाल उठने लगे हैं। खेलों के जानकारों का साफ कहना है कि वहां पर इस स्तर की सुविधाएं नहीं हैं कि ऐसा आयेजन हो सके। इस आयोजन के लिए बिलासपुर को उपयुक्त माना जा रहा है। इसी के साथ यह भी कहा जा रहा है कि यह आयोजन बस्तर में भी किया जा सकता है।
भारतीय खेल प्राधिकरण से छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय महिला खेलों के पहले चरण की मेजबानी मिली है। इस चरण में बास्केटबॉल के साथ तैराकी और जिम्नास्टिक के मुकाबले होंगे। खेल विभाग ने यह आयोजन नवंबर के अंतिम सप्ताह में राजनांदगांव में किए जाने का फैसला किया है। खेल विभाग के इस फैसले को खेलों के जानकार सही नहीं मान रहे हैं। खेलों के जानकार साफ कहते हैं कि राजनांदगांव में जिम्नास्टिक और तैराकी की सुविधाओं का अभाव है। बास्केटबॉल की वहां पर जरूर सुविधा हैं, लेकिन सवाल तीनों खेलों के् आयोजन का है। जिम्नास्टिक की अभी राज्य में सबसे ज्यादा सुविधाएं बिलासपुर में हैं। राज्य में एक मात्र एनआईएस कोच भी बिलासपुर में हैं।
इसी के साथ बिलासपुर में तैराकी के लिए पर्याप्त और बड़े स्वीमिंग पुल हैं, जबकि राजनांदगांव में राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए लायक कोई बड़ी स्वीमिंग पूल नहीं है। खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया था कि वहां पर युंगातर स्कूल में एक स्वीमिंग पूल हैं, लेकिन खेल के जानकार इस स्वीमिंग पूल को छोटा मान रहे हैं। राष्ट्रीय महिला खेलों का आयोजन छोटा आयोजन नहीं है। इस आयोजन में २० से ज्यादा राज्यों की खिलाड़ी आएंगी।। ऐसे में एक स्वीमिंग पूल में आयोजन संभव भी नहीं होगा।

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