शनिवार, 30 अक्तूबर 2010

शहरी खिलाडिय़ों पर शिंकजा

ग्रामीण खिलाडिय़ों के खेल पायका में शहरी खिलाडिय़ों के होने के संदेह पर जिला खेल विभाग में जांच चल रही है और जो खिलाड़ी संदेह के घेरे में हैं उनके प्रमाणपत्रों की जांच की जा रही है। प्रमाणपत्रों की जांच में सही पाए जाने पर ही इन खिलाडिय़ों को राज्य स्पर्धा में खेलने का मौका मिलेगा।
पायका के अंतर्गत दस खेलों की जिला स्पर्धाओं का आयोजन छुरा और रायपुर में हो चुका है। इन स्पर्धाओं के कुछ खेलों में शहरी खिलाडिय़ों के शामिल होने की शिकायत जिला खेल विभाग को मिली है। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए रायपुर जिले के वरिष्ठ खेल अधिकारी राजेन्द्र डेकाटे ने सभी खेलों के सभी खिलाडिय़ों के प्रमाणपत्रों की जांच करवानी प्रांरभ की है। उन्होंने बताया कि कुछ खेलों के खिलाडिय़ों के शहरी होने पर संदेह है। ये खिलाड़ी रायपुर के आस-पास के गांवों से प्रमाणपत्र बनाकर लाए हैं। जिन गांवों के सरपंचों ने ये प्रमाणपत्र जारी किए हैं उनसे यह जानकारी मांगी जा रही है कि जिन खिलाडिय़ों को उन्होंने प्रमाणपत्र जारी किए हैं, वे सही में गांव के खिलाड़ी हैं या फिर शहरी खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र जारी कर दिए गए हैं। सरपंचों की जानकारी के बाद ही ऐसे संदेही खिलाडिय़ों को रायपुर जिले की टीम में स्थान मिल पाएगा। अगर कोई खिलाड़ी शहरी पाया जाता है तो उसे टीम में स्थान नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सही खिलाडिय़ों को टीम में स्थान मिल सके इसीलिए हमारे विभाग ने खिलाडिय़ों का पंजीयन करना प्रारंभ किया है। एक बार किसी खिलाड़ी का पंजीयन हो गया तो वह फिर से पंजीयन नहीं करवा पाएगा। पंजीयन होने से शहरी खिलाडिय़ों के ग्रामीण खेलों में खेलने पर रोक लगेगी। उन्होंने बताया कि कई बार ऐसा होता है कि सभी को यह बात मालूम रहती है कि यह खिलाड़ी शहरी है, पर गांवों के प्रमाणपत्र लाने की वजह से कुछ नहीं किया जा सकता है। कई खिलाडिय़ों के परिजन आस-पास के गांव में रहते हैं इसलिए वे आसानी से वहां से प्रमाणपत्र बनावा कर ले आते हैं।

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