शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2010

बिलासपुर के तीर पदकों पर

राज्य तीरंदाजी में दिन भर चले मुकाबलों के बाद शाम को जब नतीजे सामने आए तो स्पर्धा में पूरी तरह से बिलासपुर का वर्चस्व नजर आया। पुरुष वर्ग में राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए चुने गए चार के चार खिलाड़ी बिलासपुर के हैं। महिला वर्ग में पहले तीन स्थानों पर रहने वाली खिलाड़ी भी बिलापुर की हैं। कुल मिलाकर स्पर्धा में दांव पर लगे सभी पदकों पर बिलासपुर ने कब्जा कर लिया।
प्रदेश की टीम में स्थान पाने की आश लिए राजधानी में होने वाले एक दिन के मुकाबले के लिए मेजबान रायपुर के १२, बिलासपुर के १५, कोरबा के १३, जांजगीर-चांपा के ८, राजनांदगांव के ६, जशपुर के २, दंतेवाड़ा के ४, जगदलपुर के ८, नारायणपुर के ४, कांकेर के ६, दुर्ग के ४, धमतरी के ४ और महासमुन्द के ६ खिलाड़ी पहुंचे। इन खिलाडिय़ों के बीच महिला और पुरुष वर्ग में सुबह से लेकर शाम तक ३० और ५० मीटर के इंडियन राउंड के मुकाबले हुए। मुकाबलों ंमें पूरी तरह से बिलासपुर के तीरंदाज ही छाए रहे। शाम को आए नतीजों में पुरुष वर्ग में बिलासपुर के महेन्द्र बघेल ने ६१५ अंकों के साथ स्वर्ण, बिलासपुर के दुर्गेश प्रताप ने ६१२ अंकों के साथ रजत और बिलासपुर के ही लखेश्वर सिंग ने ६०५ अंकों के साथ कांस्य पदक जीता। प्रदेश की टीम में चौथा स्थान लेकर स्थान बनाने वाले विनोद कुमार भी बिलासपुर के हैं। उनके खाते में ६०२ अंक आए।
महिला वर्ग में भी बिलासपुर का दबदबा रहा। यहां पर ५५८ अंक लेकर बिलासपुर की श्रद्धा सोनी पहले स्थान पर रहीं। दूसरे स्थान पर ५०७ अंकों के साथ बिलासपुर की ही अंजली चंद्रा रहीं। तीसरे स्थान पर बिलासपुर की संतोषी कौशिक रहीं। उन्होंने ४२९ अंक बटोरे। चौथा स्थान कांकेर की चंचल सिंहा को मिला। उनके खाते में ४२२ अंक आए। इसके पहले सुबह के सत्र में स्पर्धा का उद्घाटन सांसद रमेश बैस ने किया। शाम को स्पर्धा के समापन के अतिथि खेल संचालक जीपी सिंह थे। उन्होंने इस अवसर पर खिलाडिय़ों को जानकारी दी कि खेल विभाग हर खेल के लिए खिलाडिय़ों को सुविधाएं दिलाने का काम कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरुप खेल विभाग छत्तीसगढ़ ओलंपिक का आयोजन करने की तैयारी में जुटा है।
प्रदेश तीरंदाजी संघ के कैलाश मुरारका ने बताया कि इस बार खिलाडिय़ों का प्रदर्शन पिछले साल की तुलना में बहुत अच्छा है। पिछले साल खिलाडिय़ों के प्रदर्शन के कारण संघ यह सोचने पर मजबूर हो गया था कि प्रदेश की टीम को राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने भेजे या न भेजे। पिछले साल टीम इस शर्त पर भेजी गई थी कि अगर इस साल खिलाडिय़ों ने राष्ट्रीय स्पर्धा के लिए तय अंक प्राप्त नहीं किए तो टीम नहीं भेजेंगे। इस बार पुरुष वर्ग में टीम में स्थान बनाने वाले चारों खिलाडिय़ों ने ६०० से ज्यादा अंक बनाए। राष्ट्रीय स्पर्धा में खेलने के लिए कम से कम ६०० अंक बनाने होते हैं। महिला वर्ग में ५५० अंकों का लक्ष्य रहता है। इस लक्ष्य तक एक ही खिलाड़ी पहुंची। लेकिन टीम चार खिलाडिय़ों की जाती है ऐसे में बाकी खिलाडिय़ों को भेजी जाएगा।

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