पायका के पहले चरण के लिए चुने गए प्रदेश के ९८२ गांवों में जिम लगाने का जिम्मा अब खेल विभाग ने जिला पंचायतों को दे दिया है। पूर्व में खेल विभाग ही गांवों में जिम लगाने की तैयारी में था। लेकिन पायका योजना में पंचायतों को जोडऩे के लिए यह पहल की गई है। वैसे भी पायका योजना का नाम ही पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान योजना है। अब पंचायतों को ही हर गांव के लिए सामान खरीदने के लिए राशि भी दी जाएगी।
पायका योजना के लिए पहले चरण में प्रदेश के १८ जिलों के ९८२ गांवों का चयन हो चुका है। इन गांवों में से जिन गांवों में भी स्थान है, वहां पर जिम लगाने की योजना पर खेल विभाग बहुत पहले से काम कर रहा है। खेलों में आज आधुनिक मल्टी जिम का एक अलग स्थान हो गया है। इस जिम के सहारे खिलाड़ी अपने को फिट रखने का काम करते हैं। ये मल्टी जिम अब शहरों के बाद गांवों तक पहुंच गए हैं। वैसे मल्टी जिम इतना महंगा रहता है कि गांवों में लगाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है। ऐसे में प्रदेश के खेल विभाग ने यह फैसला किया है कि पंचायत युवा क्रीड़ा अभियान यानी पायका के तहत केन्द्र सरकार से एक गांव के लिए मिलने वाली एक लाख की राशि ने गांवों में जिम लग दिए जाए। पायका योजना के तहत लगने वाले जिम के लिए खेल संचालक जीपी सिंह ने सभी जिला खेल अधिकारियों को उन गांवों के उन स्कूलों से सहमति पत्र लाने के निर्देश दिए हैं जिन स्कूलों के मैदानों में ये जिम लगने हैं। प्रदेश में करीब दस हजार गांव हैं। इन गांवों में से पहले चरण में १० प्रतिशत गांवों को शामिल किया गया है। खेल संचालक ने सभी जिला खेल अधिकारियों को उन सभी गांवों के स्कूलों या फिर पंचायत से सहमति पत्र लाने कहा है जहां पर मल्टी जिम के लिए कमरा दिया जाना है। जिन गांवों से कमरा दिए जाने की सहमति मिलेगी, वहां पर जल्द से जल्द जिम लगाने की तैयारी की जाएगा। गांवों के साथ ब्लाकों में भी जिम लगाए जाएंगे।
पायका योजना में चिंहित हर गांव के लिए केन्द्र सरकार से खेल मैदानों के लिए एक-एक लाख रुपए का अनुदान मिलना है, ऐसे में खेल विभाग यह योजना बनाने में लगा है कि इन पैसों का ज्यादा से ज्यादा अच्छा उपयोग किस तरह से किया जाए। इसी बात को ध्यान में रखते हुए खेल संचालक जीपी सिंह ने यह योजना बनाई है कि क्यों ने हर गांव में एक-एक जिम बना दिया जाए। इसके लिए वे लगातार उन चिंहित गांवों के खेलों से जुड़े लोगों से बात भी कर रहे हैं और यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि जिम लगाने से खिलाडिय़ों को कितना फायदा होगा। अब तक जो बातें सामने आईं है उससे यही लगता है कि हर उस गांव के खिलाड़ी और खेल से जुड़े लोग इस बात से खुश है कि उनके गांव में जिम लगने वाला है। ग्रामीण खिलाडिय़ों को जिम देखना तभी नसीब होता है जब उनका शहर आना होता है। ऐसे में ग्रामीण खिलाडिय़ों से हमेशा से मंशा रही है कि काश उनके गांव में भी ऐसा जिम होता। ग्रामीण खिलाडिय़ों की इस मंशा को साकार करने का काम खेल विभाग करने जा रहा है।
वैसे भी पायका के लिए पहले चरण में प्रदेश के १८ जिलों के जिन ९८२ गांवों को चिंहित किया गया है, उन गांवों के मैदानों में ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं है। ऐसे में यही सोचा गया कि मैदानों में बिना वजह पैसे खर्च करने की बजाए यदि सभी गांवों में जिम लगा दिए जाए तो इसका बहुत ज्यादा फायदा खिलाडिय़ों को मिलेगा। कई गांवों से जिम के लिए स्थान होने के सहमति पत्र भी आ गए हैं।
इधर अब खेल विभाग ने जिम लगाने के लिए जिला पंचायतों को अधिकृत कर दिया है। खेल विभाग के पास जो जानकारी है, उसे पंचायतों को उपलब्ध कराया जाएगा और पंचायत के माध्यम से गांवों में जिम लगाने का काम होगा। इसी के साथ हर गांव के लिए जो खेल सामान खरीदे जाने है उसका जिम्मा भी पंचायतों को दे दिया गया है। पूर्व में खेल विभाग ही हर गांव के लिए सामान खरीदने वाला था।
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