बुधवार, 5 मई 2010

खेलवृत्ति न देने की सीएम से शिकायत

राजधानी रायपुर के कराते खिलाडिय़ों ने अंतत: खेल विभाग की मनमर्जी से परेशान होकर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दरबार में जाकर खेलवृत्ति ने देने की शिकायत की और मुख्यमंत्री को बताया कि पात्र होने के बाद भी खिलाडिय़ों के साथ खेल विभाग खिलवाड़ कर रहा है। मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों के साथ अन्याय न होने का आश्वासन दिया है।
रायपुर के करीब एक दर्जन खिलाडिय़ों ने कराते की कोच हर्षा साहू के नेतृत्व में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने मिलकर उनसे खिलाडिय़ों की खेलवृत्ति रोकने की शिकायत की। मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन में सारी जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने खिलाडिय़ों को आश्वासन दिया है कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा। खिलाडिय़ों ने अपने ज्ञापन में मुख्यमंत्री को बताया है कि खेलवृत्ति देने के लिए खेल विभाग ने जो मापदंड तय किए हैं उस पर सारे खिलाड़ी खरे उतरते हैं इसके बाद भी खेल विभाग ने राष्ट्रीय कराते संघ में हुए फेरबदल का हवाला देते हुए खिलाडिय़ों को खेलवृत्ति से वंचित कर दिया है।
मुख्यमंत्री को बताया गया कि राजनांदगांव में जब खेल विभाग ने प्रदेश कराते संघ के साथ मिलकर जून २००८ में राज्य स्पर्धा का आयोजन किया था तो उस समय कराते संघ मान्यता प्राप्त था। ऐसे में इस स्पर्धा के पदक पाने वाले सभी ८८ खिलाड़ी खेलवृत्ति के पात्र हैं। इनके आवेदनों पर विचार किए बिना ही इनको खेलवृत्ति से यह कहते हुए वंचित कर दिया गया है कि उस समय कराते संघ मान्यता प्राप्त ही नहीं था। खिलाडिय़ों ने मुख्यमंत्री से कहा है कि जब कराते संघ मान्यता प्राप्त नहीं था तो खेल विभाग ने संघ के साथ मिलकर आयोजन कैसे किया। खेल विभाग ने एक तरह से अपने विभाग के आयोजनों के प्रमाणपत्रों को ही नकारा दिया है जबकि खेलवृत्ति के लिए पदक जीतने वाले प्रमाणपत्र ही अहम होते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में