रविवार, 16 मई 2010

खरा उतरने तपने आए खिलाड़ी


तपती दोपहरी में जब किसी को घर से निकालता गंवरा नहीं हो रहा है तो रविशंकर विश्वविद्यालय के मैदान में सामने एक खिलाड़ी बल्ले नुमा डंडा लेकर खड़ा है और दूसरी तरफ से एक गेंदबाज बॉल फेंक रहा है। बॉल को मारने के बाद खिलाड़ी अपान बल्ला फेंक कर दौड़ पड़ता है रन बनाने के लिए।
यह नजारा किसी क्रिकेट मैच का नहीं बल्कि प्रदेश की साफ्टबॉल टीम के ट्रायल का है। इ ट्रायल में शामिल होने आए प्रदेश के आधा दर्जन से ज्यादा जिलों के खिलाड़ी भरी दोपहरी में भी ट्रायल देने में डटे थे और अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे कि कब उनकी बारी आए और उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाकर प्रदेश की टीम में स्थान पाने का मौका मिले। अपनी बारी के इंतजार में खड़े खिलाड़ी कहीं पर पेड़ के नीचे तो कहीं धूप में खड़े थे किसी भी खिलाड़ी के चेहरे में तपती धूप को लेकर कोई परेशानी नजर नहीं आ रही था। हर खिलाड़ी इस तपती धूप में भी खरा उतरने के लिए बेताब था। खिलाडिय़ों के कोच उनको धूप में ही खड़े होकर समङाा रहे थे कि क्या करना है। एक जिले की टीम के खिलाडिय़ों को कोच फटकारते हुए भी नजर आए कि वे ठीक नहीं खेल रहे हैं।
प्रदेश साफ्टबॉल संघ के ओपी शर्मा ने बताया कि पांडिचेरी में राष्ट्रीय जूनियर स्पर्धा का आयोजन २५ मई से किया गया है। इसी के लिए टीम का चयन किया जा रहा है। इस चयन में रायपुर के साथ बिलासपुर, जांजगीर चांपा, दुर्ग, कोरबा, राजनांदगांव, रायगढ़, धमतरी और कवर्धा के करीब १७५ खिलाड़ी ट्रायल देने आए हैं। इन खिलाडिय़ों के बीच ट्रायल में ही मैच करवाए जा रहे हैं। ट्रायल के बाद १५-१५ खिलाडिय़ों की टीम बनेगी जिसका प्रशिक्षण शिविर यहां लगाया जाएगा।

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