मंगलवार, 11 मई 2010

मुख्यमंत्री की घोषणा पर बजट की मार

प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के छह माह बाद भी खेल विभाग बजट के अभाव में राज्य की सीनियर स्पर्धाओं का आयोजन नहीं करवा पा रहा है। खेल संचालक का कहना है कि बजट मिलते हैं स्पर्धाओं का आयोजन करवा जाएगा।
प्रदेश का खेल विभाग राज्य के खेल संघों की मदद से राज्य की सब जूनियर और जूनियर स्पर्धाओं का आयोजन करवता है। इन दो आयोजनों के होने से खेल संघों के सिर से काफी बोङा हल्का हो गया है। खेल संघों को सबसे ज्यादा परेशानी सीनियर वर्ग की स्पर्धा को करवाने में होती है। ऐसे में खेल संघ लंबे से यह मांग कर रहे थे कि सीनियर स्पर्धाओं का आयोजन भी खेल विभाग अपने बजट से करे। ऐसे में यह मांग जब करीब छह माह पहले पदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के सामने रखी गई थी तो उन्होंने राज्य के उत्कृष्ट खिलाडिय़ों को प्रमाणपत्र दिए जाने वाले कार्यक्रम में इस स्पर्धा को भी खेल विभाग द्वारा करवाए जाने की घोषणा कर दी थी। इस घोषणा के बाद खेल संघों इस बात को लेकर उत्साह था कि अब उसके सिर से एक और बड़ा बोङा उतर गया है।
खेल विभाग ने अपने खेल कैलेंडर में इस बार राज्य की सब जूनियर और जूनियर स्पर्धाओं के लिए तो स्थान और तिथि तय कर दी है, पर सीनियर स्पर्धा को कैलेंडर में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में जब इसका कारण जानने का प्रयास किया गया तो खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि अभी सीनियर वर्ग की स्पर्धाओं के लिए बजट नहीं मिला है, इसका बजट मिलते ही इन स्पर्धाओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संभवत: एक-दो माह में इन स्पर्धाओं के लिए बजट मिल जाएगा।
खेल विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
सीनियर स्पर्धा के लिए बजट का रोना रोने वाले खेल विभाग की कार्यप्रणाली पर कई खेल संघों के पदाधिकारी सवाल उठाते हैं कि कार्यप्रणाली सही न होने का ही यह नतीजा है कि बजट का सवाल आ रहा है। इनका कहना है कि जब मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से घोषणा करवाई गई थी उसी समय इसके लिए बजट भी घोषित करवा दिया जाता, या फिर खेल विभाग किसी भी बजट से स्पर्धाओं का आयोन मुख्यमंत्री की घोषणा का हवाला देकर कर सकता है, लेकिन विभाग ऐसा नहीं कर रहा है। खेल के जानकारों का ऐेसा कहना है कि यह बात अलग है कि अभी राष्ट्रीय सीनियर स्पर्धाओं का आयोजन नहीं है, लेकिन इनके आयोजन से पहले अगर बजट नहीं मिला और स्पर्धाओं का आयोजन नहीं हो सका तो खेल संघों को ही अंत में आयोजन करना पड़ेगा क्योंकि राष्ट्रीय स्पर्धाओं की तिथि आने के बाद टीमें भेजनी पड़ेगी।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में