गुरुवार, 6 मई 2010

कराते खिलाड़ी फिर भंवर में

प्रदेश के कराते खिलाड़ी एक बार फिर से भंवर में फंस गए हैं। प्रदेश में इस समय जिस कराते संघ को खेल विभाग से मान्यता है उस संघ से जुड़े राष्ट्रीय संघ पर बेंगलोर हाई कोर्ट ने दूसरे संघ की अपील पर प्रतिबंध लगा दिया है और उसके राष्ट्रीय टीम के चयन पर भी रोक लगा दी है।
राष्ट्रीय स्तर पर अब तक चेन्नई के त्यागराजन की अध्यक्षता वाले आल इंडिया कराते डू फेडरेशन का मान्यता प्राप्त थी। इस फेडरेशन द्वारा भारतीय टीम का चयन करने के लिए ८ मई को बेंगलोर में चयन ट्रायल का आयोजन किया गया था। इस आयोजन से पहले ही इस फेडरेशन के खिलाफ दूसरे फेडरेशन के सचिव आरपी रमेश ने हाई कोर्ट में अपील कर दी। इस अपील पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने जहां चयन ट्रायल पर रोक लगा दी है, वहीं अब त्यागराजन के फेडरेशन को आल इंडिया कराते डू फेडरेशन का नाम भी उपयोग न करने के लिए कहा है। हाई कोर्ट के इस फैसले के बारे में छत्तीसगढ़ के कराते खिलाडिय़ों को खबर लग गई है। इस फैसले के बाद यहां के खिलाड़ी एक बार फिर से परेशानी में हैं कि उनका क्या होगा। कराते संघ राष्ट्रीय स्तर पर लगातार कई सालों से विवाद चल रहा है जिसके कारण छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी फुटबॉल बन गए हैं। राष्ट्रीय स्तर पर जिस फेडरेशन को मान्यता मिल जाती है, उससे जुड़े लोग यहां पर सक्रिय होते ही दूसरे फेडरेशन से जुड़े खिलाडिय़ों के साथ पक्षपात करने लगते हैं। राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्पर्धा में इसी वजह से कई प्रतिभाशाली खिलाड़ी खेल नहीं पाते हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर ही तीन संघ
राष्ट्रीय स्तर पर ही इस समय कराते के तीन संघ काम कर रहे हैं। हर संघ अपने को सही साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। इन संघों में दो संघ दक्षिण के हैं। एक संघ के कमान त्यागराजन के हाथों में है जिनको भारत सरकार से मान्यता मिली हुई है तो दूसरा संघ त्यागराजन के साथ पहले सचिव रहे आरपी रमेश का है। श्री रमेश ने त्यागराजन के स्थान पर डॉ. संजय सिंग को अध्यक्ष बना दिया है। इस फेडरेशन ने बेंगलोर हाई कोर्ट में अपील लगाई थी और फैसला इनका पक्ष में हुआ है। तीसरा संघ मुंबई के रामेश्वर निर्वाण और सुरेन्द्र सिंह का है। इसी संघ को कराते से जुड़े लोग सही संघ मानते हैं। इस संघ का मामला मुंबई में पंजीयन रजिस्टार के कार्यालय में चल रहा है। इस संघ से जुड़े प्रदेश संघ के लोग बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि जिसे पंजीयन रजिस्टार सही मानते हैं और पंजीयन विभाग में जिनके कागकाज सही है वहीं संघ सही मानास जाएगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस संघ से जुड़े लोगों ने अपना मामला मुंबई पंजीयक दफ्तर में लगा रखा है।

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