राजधानी रायपुर के साई सेंटर को खोलने के लिए हमें समय नहीं लगने वाला है। इसके लिए हमें केन्द्र सरकार से मंजूरी मिल गई है, अब हमें छत्तीसगढ़ सरकार की मंजूरी का इंतजार है। वहां से मंजूरी मिलते ही इसको प्रारंभ करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी जाएगाी।
ये बातें हरिभूमि से भारतीय खेल प्राधिकरण साई सेंटर के भोपाल के क्षेत्रीय निदेशक आरके नायडु ने कहीं। उन्होंने संपर्क करने पर कहा कि उनके पास छत्तीसगढ़ के खेल विभाग से यह खबर जरूर आ गई है कि नगर निगम ने हमारी सभी शर्तों को मान लिया है और इन शर्तों को मानने के बाद अंतिम मंजूरी के लिए फाइल को मंत्रालय में नगरीय निकाय विभाग में भेजा गया है, लेकिन वहां से अब तक सरकार की मंजूरी की जानकारी हमारे पास नहीं आई है। वहां से जानकारी आने की देर है बस हम लोगों का पूरा दल पहुंच जाएगा रायपुर में साई सेंटर प्रारंभ करने के लिए।
यहां यह बताना लाजिमी होगा कि रायपुर में खुलने वाले साई सेंटर में उस समय रोड़ा आ गया था जब निगर निगम को इस बात की जानकारी लगी थी कि साई की एक शर्त यह है कि वह जो भी पैसा सेंटर के विकास में खर्च करेगा उसका कुछ प्रतिशत निगम को ३० साल की लीज समाप्त होने पर उस स्थिति में वापस करना पड़ेगा जब निगम लीज बढ़ाने के स्थान पर सेंटर के लिए दिए जाने वाले स्पोट्र्स काम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम को वापस लेता है। ऐसे में निगम को इस बात का डर लगा कि साई द्वारा खर्च किए गए करोड़ों रुपए वह कहां से देगा। ऐसे में निगम को केन्द्रीय खेल राज्य मंत्री प्रतीक प्रकाश बापू पाटिल ने समझाया था कि जो राशि निगम को ३० साल बाद वापसी देनी पड़ेगी वह नाम मात्र की होगी।
जब निगम को यह बात समझ आई तो उसने जहां अपनी एमआईसी की बैठक में ३० साल की लीज को मंजूरी दे दी है, वहीं साई की ३० साल कुछ प्रतिशत राशि वापस देने की भी बात मान ली है। निगम से मंजूरी के बाद फाइल एक माह पहले नगरीय निकाय को भेजी गई है, लेकिन वहां से अब तक इसको मंजूरी न मिलने के कारण साई सेंटर लटका हुआ है। खेल संघों के पदाधिकारी और खिलाड़ी कहते हैं कि नगरीय निकाय को जल्द मंजूरी दे दी चाहिए।
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