गुरुवार, 13 मई 2010

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ अध्यक्ष को दे इस्तीफा

छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान के इस्तीफे पर कई खेल संघों के पदाधिकारी बोलने के लिए सामने आ गए हैं। सभी जहां सचिव के बयान और कदम से हैरान हैं, वहीं ओलंपिक संघ के संरक्षक विधान मिश्रा के साथ ज्यादातर का एक स्वर में मानना है कि इस्तीफा भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष को भेजने से कोई मतलब नहीं है। यह छत्तीसगढ़ का मामला है तो इस्तीफा छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के अध्यक्ष को भेजना चाहिए।
प्रदेश की खेल बिरादरी ओलंपिक संघ के सचिव बशीर अहमद खान के बयान और इस्तीफे से आहत हो गई है। ज्यादातर खेल संघों के पदाधिकारी खुले रूप में कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी कुछ खेल संघों के पदाधिकारी सामने आ गए हैं और सचिव के कदम को गलत मान रहे हैं। प्रदेश ओलंपिक संघ के संरक्षक और नेटबॉल संघ के अध्यक्ष विधान मिश्रा का साफ कहना है कि सचिव का कदम बिलकुल गलत है। इस मामले को सबसे पहले प्रदेश ओलंपिक संघ की कार्यकारिणी के सामने रखना था। इसी के साथ उन्होंने कहा कि अगर सचिव को इस्तीफा देना ही है तो प्रदेश संघ के अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजते, भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष को इस्तीफा भेजने का क्या मतलब है। उन्होंने कहा कि सचिव के इस कदम से पूरी खेल बिरादरी हैरान है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के मामले में प्रदेश का खेल विभाग और उसके संचालक जीपी सिंह पूरी तरह से सहयोग करके चल रहे हैं, उन पर किसी भी तरह का आरोप लगाना गलत है। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश अध्यक्ष को इस्तीफा दिया जाता है तो इस मुद्दे पर ओलंपिक संघ की बैठक बुलाकर फैसला किया जाएगा कि क्या करना है।
इधर नेटबॉल के साथ बॉडी बिल्डिंग संघ के हनुमान सिंह पुरस्कार प्राप्त संजय शर्मा का कहना है कि इस्तीफा देने श्री खान का व्यक्तिगत निर्णय हो सकता है, उनके इस निर्णय के साथ हम लोग खड़े नहीं हो सकते हैं। राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिलना राज्य के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है। राज्य की प्रतिष्ठा सबसे पहले है। इसके लिए हम लोग सरकार के साथ खड़े हैं।
टेबल टेनिस संघ के अध्यक्ष शरद शुक्ला भी ओलंपिक संघ के सचिव के फैसले से सहमत नहीं है। उन्होंने कहा कि जब राज्य को राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी मिली है तो इसको सफल बनाने के लिए किसी भी तरह के विवाद से बचते हुए खेल विभाग के साथ मिलकर काम करना चाहिए। श्री खान के इस्तीफे के बाद ज्यादातर खेल संघों के पदाधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, सभी को इस बात का डर है कि उनके बोलने से उनके खेलों पर आच आ सकती है।

कोई टिप्पणी नहीं:

हिन्दी में लिखें

खेलगढ़ Headline Animator

खेलगढ़ की चर्चा हिन्दुस्तान में