रविवार, 2 मई 2010

५० कमरों का हास्टल बन रहा

प्रदेश के खेल विभाग ने राजधानी रायपुर में खिलाडिय़ों के ठहराने की व्यवस्था न होने के कारण होने वाली परेशानी को देखते हुए साइंस कॉलेज में खेल भवन के पास ५० कमरों वाले एक हास्टल का निर्माण प्रारंभ किया है। दो करोड़ ३१ लाख की लागत से बन रहे इस हास्टल का निर्माण इस साल के अंत तक पूरा हो जाएगा। इसके बनने के बाद राजधानी में किसी भी बड़े आयोजन के लिए खिलाडिय़ों को ठहराने की जगह की कमी नहीं रहेगी।
छत्तीसगढ़ के बनने के बाद से ही राजधानी रायपुर में किसी भी राष्ट्रीय या राज्य स्तर के आयोजन के लिए खिलाडिय़ों को ठहराने में भारी परेशानी का सामान करना पड़ता था। हर खेल संघ के पदाधिकारियों को हमेशा एक ही शिकायत रहती थी कि राजधानी में जब खिलाडिय़ों के ठहरने की व्यवस्था ही नहीं है तो यहां पर आयोजन कैसे किए जाए। कई आयोजनों से राजधानी इसी वजह से वंचित होती रही है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। खेल विभाग ने खिलाडिय़ों के ठहराने के लिए एक ५० कमरों वाला हास्टल बनवाना प्रारंभ कर दिया है।
इस हास्टल के बारे में खेल संचालक जीपी सिंह ने बताया कि इस हास्टल का निर्माण खेल विभाग की पहल पर लोक निर्माण विभाग द्वारा साइंस कॉलेज में खेल भवन के ठीक पास में किया जा रहा है। तीन मंजिले इस हास्टल में ५० कमरों के साथ एक बड़ा सा डाइनिंग हाल और किचन भी है। वैसे तो एक कमरे में दो पलंग रहेंगे और यह हास्टल १०० खिलाडिय़ों के ठहराने की क्षमता वाला होगा। लेकिन किसी भी बड़े आयोजन के समय अगर कमरों में पलंग के स्थान पर गद्दे बिछा दिए जाएंगे तो हास्टल में आराम से ३०० से ४०० खिलाडिय़ों को ठहराया जा सकता है। अगर राजधानी में कोई राष्ट्रीय स्तर की स्पर्धा होती है तो आधे से ज्यादा खिलाड़ी यहां ठहराए जा सकते हैं। इसी के साथ इस हास्टल के बनने के बाद खेल विभाग को भी अपने राज्य स्तर के आयोजनों के लिए किराए से भवन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। श्री सिंह ने बताया कि विभाग ने जब क्रीड़ाश्री को प्रशिक्षण देने का कार्याक्रम आयोजित किया तो इसके लिए स्पोट्र्स काम्पलेक्स के आउटडोर स्टेडियम के कमरों के साथ बूढ़ेश्वर मंदिर के हाल को भी किराए से लेना पड़ा था। अब ऐसे किसी भी आयोजन के लिए हमें किराए के भवन लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने कहा कि पायका योजना में जहां लगातार क्रीड़ाश्री राजधानी आते रहेंगे, वहीं पायका के साथ अन्य राज्य स्तर की स्पर्धाओं के साथ किसी भी खेल के प्रशिक्षण शिविर के लिए खिलाडिय़ों को हास्टल में ठहराया जा सकेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि निर्माण कार्य तेजी से चल रहा और उम्मीद है कि ज्यादा से ज्यादा छह माह के अंदर यह हास्टल तैयार हो जाएगा। उन्होंने पूछने पर कहा कि स्कूली शिक्षा विभाग के भी किसी खेल के आयोजन के लिए हास्टल दिया जाएगा।

1 टिप्पणी:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

बधाई । विकास की ओर यह एक अच्छा कदम है। यदि खिलाडियों को सभी सुविधाएँ मिलें तो हमारे खिलाडी भी किसी से कम नहीं रहेंगे।

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